नयी दिल्ली 09 अगस्त, अमेरिकी नेशनल साइंस फाउंडेशन (एनएसएफ) ने शिक्षा और कौशल के क्षेत्रों में भारत के साथ सहयोग बढ़ाने और उसे व्यापक बनाने की इच्छा प्रकट की है। एनएसएफ के निदेशक सेतुरमन पंचनाथन ने पारस्परिक हित वाले क्षेत्रों और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत एसटीईएम अध्ययनों के लिए भारत की योजनाओं पर चर्चा करने के लिए मंगलवार को नयी दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की। श्री प्रधान ने इस बैठक में अपने विचार रखते हुए इस बात पर जोर दिया कि भारत की शक्ति उसकी युवा आबादी और ज्ञान के सशक्त आधार में निहित है। उन्होंने कहा कि देश भर के विभिन्न क्षेत्रों के विभिन्न संस्थानों में प्रतिभा का खजाना मौजूद है, जो पुष्पित और पल्लवित किए जाने की बाट जोह रहा है। इसलिए एनएसएफ को देश के प्रमुख संस्थानों के अतिरिक्त कम विख्यात और अब तक प्रतिनिधित्व से वंचित रहे एनआईटी, केंद्रीय विश्वविद्यालयों और राज्य विश्वविद्यालयों जैसे संस्थानों के साथ अपनी संबद्धता बढ़ाने पर विचार करना चाहिए। एनईपी 2020 के अनुसार सृजित किए जा रहे शिक्षा-कौशल की निरंतरता का उल्लेख करते हुए श्री प्रधान ने पॉलिटेक्निक, आईटीआई और सामुदायिक कॉलेजों जैसे संस्थानों तक पहुंच कायम कर कौशल क्षेत्र को इस तरह के सहयोग के दायरे में लाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता और जिम्मेदारी है कि सभी युवाओं, चाहे वे मुख्यधारा की शिक्षा में हों या औपचारिक या अनौपचारिक कौशल क्षेत्र में, उनको गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और कौशल के समान अवसर प्राप्त हों ताकि वे 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हो सकें। एनएसएफ एक स्वतंत्र संघीय एजेंसी है, जिस पर वैज्ञानिक खोज, तकनीकी नवाचार और एसटीईएम शिक्षा को बढ़ावा देने का दायित्व है। करीब 8.8 अरब डॉलर के बजट के साथ एनएसएफ गणित, कंप्यूटर विज्ञान और सामाजिक विज्ञान जैसे क्षेत्रों में संघीय वित्त पोषण का प्रमुख स्रोत है। एनएसएफ के साथ भारत की संबद्धता में छह प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्र (टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब) शामिल हैं, जिसके अंतर्गत आईआईटी, आईआईएससी बेंगलुरु जैसे आठ संस्थान और 30 परियोजनाओं तथा साइबर सुरक्षा पर आधारित कुछ परियोजनाओं में सहयोग कर रहे अन्य संस्थान हैं। एनएसएफ के निदेशक इन संबद्धताओं को संवर्धित करने की संभावनाओं की तलाश करने के लिए भारत में हैं। भारत की प्राथमिकताओं को दोहराते हुए श्री पंचनाथन ने कहा कि भारत की ही तरह गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की समावेशिता और पहुंच अमेरिकी सरकार की भी प्राथमिकता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि कौशल में शामिल संस्थानों सहित प्रतिनिधित्व से वंचित रहे संस्थानों के साथ सहयोग के लिए एनएसएफ उन तक पहुंच बनाएगा, ताकि उन संस्थानों की प्रतिभाओं को भी निखारा जा सके। श्री प्रधान ने शिक्षा मंत्रालय से एआईसीटीई के नेतृत्व में एनएसएफ के साथ संबद्धता बढ़ाने की रूपरेखा तैयार करने और साथ ही इस संबंध में अन्य संबंधित मंत्रालयों से भी परामर्श करने को कहा है।
मंगलवार, 9 अगस्त 2022
पंचनाथन ने भारत के साथ सहयोग बढ़ाने की इच्छा प्रकट की
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