नयी दिल्ली 08 सितंबर, उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) को 10 प्रतिशत आरक्षण देने हेतु 103 वें संवैधानिक संशोधन की वैधता की जांच करने के लिए 13 सितंबर को तीन कानूनी मुद्दों सुनवाई करेगा। मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई ) उदय उमेश ललित की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने दलीलों और प्रस्तुतियों को सुनने के बाद तीन कानूनी मुद्दों को तय किया। शीर्ष अदालत ने कहा कि पहला सवाल यह है कि क्या आर्थिक मानदंडों के आधार पर आरक्षण सहित विशेष प्रावधान करने की राज्य को अनुमति देकर संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन कहा जा सकता है। न्यायालय ने कहा कि दो अन्य कानूनी मुद्दे जिन पर न्यायालय विचार करेगा, उनमें एक है कि क्या 103वें संविधानिक संशोधन को निजी गैर-सहायता प्राप्त संस्थानों में प्रवेश के संबंध में राज्य को विशेष प्रावधान करने की अनुमति देकर बुनियादी ढांचे को भंग करने वाला कहा जा सकता है और तीसरा यह होगा कि क्या यह सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग (एसईबीसी)/ अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी)/अनुसूचित जाति एवं जनजाति (एससी/एसटी) को ईडब्ल्यूएस आरक्षण के दायरे से बाहर करना बुनियादी ढांचे का उल्लंघन है। मुख्य न्यायाधीश ललित की अध्यक्षता में शीर्ष अदालत की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 13 सितंबर से सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए 10 फीसदी आरक्षण की संवैधानिक वैधता पर सुनवाई करने का फैसला किया।
शुक्रवार, 9 सितंबर 2022
ईडब्ल्यूएस आरक्षणः उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई के लिए तय किए तीन मुद्दे
Tags
# देश
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
देश
Labels:
देश
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें