- 150 से ज्यादा पीएचसी पर प्रदर्शन करके मांगपत्र सौंपा गया.
- आशाओं के मासिक मानदेय बढ़ाने की घोषणा, कोरोना काल का सेवा भत्ता, उम्र त्रुटि सुधार का एक मौका देने और कमीशन खोरी पर रोक लगाने आदि प्रमुख मुद्दे.
- महागठबंधन के घोषणापत्र के मुताबिक मासिक मानदेय की घोषणा नहीं हुई तो राज्यव्यापी निर्णायक हड़ताल - शशि यादव
पटना, 29 सितंबर, महासंघ गोप गुट और ऐक्टू से सम्बद्ध बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ के आह्वान पर आशाओं की लंबित मांगों के प्रति सरकार की उदासीनता और पीएचसी में बीसीएम की घूसखोरी के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन के तहत राज्य के 150 से ज्यादा पीएचसी पर धरना-प्रदर्शन किया गया और मांगों से सम्बंधित मांगपत्र चिकित्सा प्रभारी को सौंपा गया। पूरे राज्य में बड़ी संख्या में आशाओं ने इस आंदोलन में शिरकत किया। आशा आंदोलन की नेता शशि यादव ने कहा कि हमने राज्य के उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव से मिलकर ज्ञापन दिया है और मांग की है कि महागठबंधन के चुनावी घोषणापत्र को यथाशीघ्र लागू किया जाए। सरकार की उदासीनता और आशाओं के साथ उम्र की विसंगतियों को दूर करने को लेकर अधिकारियों के जरिये पैसे वसूली अभियान के खिलाफ आक्रोशित आशाओं ने आंदोलन के जरिये सरकार पर दबाव बनाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के मंत्री ने मासिक मानदेय को प्रोत्साहन राशि कर दिया जिसे बदलकर मानदेय करने की मांग हर आशा की है। जीने लायक मासिक मानदेय की घोषणा सरकार को जल्द करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि सरकार अगर आशाओं-आशा फैसिलिटेटर की मांगों को पूरा नही करती है तो हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे। इसकी लिखित सूचना जल्द ही विभाग को जल्द ही दिया जाएगा। आज के कार्यक्रम का नेतृत्व आशा नेता कुसुम, कविता, सुनैना, अनुराधा, प्रमिला, देवनीत, चंद्रकला, कल्याणी आदि नेताओं ने किया.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें