दिनांक 2 सितंबर 2020 l राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड)एवम वागधारा द्वारा बाँसवाडा जिले के आनंदपुरी ब्लॉक में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हुई 160 महिलाओं हेतु आजीविका एवं उद्यम विकास कार्यक्रम (एलइडीपी) के तहत समुदाय आधारित बीज प्रणाली प्रशिक्षण अटल सेवा केन्द्र टामटिया में शुभारंभ जिला महाप्रबंधक नाबार्ड श्री विश्राम मीना, वागधारा संस्था के कृषी एवं पोषण विषेतज्ञ पी एल पटेल, मानगढ इकाई प्रबंधक प्रशांत थोरात, वाडी परियोजना कार्यक्रम अधिकारी प्रल्हाद रानावत क्षेत्रीय सहजकर्ता विकास मेश्राम और सहजकर्ता कांता डामोर के सानिध्य में किया गया। आजीविका एवं उद्यम विकास कार्यक्रम के उद्घाटन के अवसर पर जिला महाप्रबंधक नाबार्ड विश्राम मीना ने कहा कि स्वयं सहायता समूह भी राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका अदा कर रहे हैं और आजीविका विकास कार्यक्रम के अंतर्गत ग्रामीण महिलाएं प्रशिक्षण लेकर स्वयं को स्वावलंबी बनाकर परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर पाती है। उन्होंने बताया कि महिलाओं में हुनर की कोई कमी नहीं है लेकिन सही मार्गदर्शन न होने के कारण हुनर दबकर रह जाता है। उक्त कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं के भीतर छिपे कौशल को विकसित कर आत्मविश्वास का संचार करना है, ताकि उन्हें उद्यमिता के माध्यम से आत्मनिर्भरता की दिशा में उन्मुख किया जा सके। और हमारे देशी बीजों को और खेती और बीज प्रबंधन की जरूरत पर बताया
वागधारा संस्था के कृषी एवं पोषण विषेतज्ञ पी एल पटेल,
बाजारीकरण से हमारी पारंपरिक बीज पध्दती विलुप्त हो रही हैं उसको बचाने और बाजारी निर्भरता को कम करने के लिए यह प्रशिक्षण बहुत महत्वपूर्ण हैं और बीज के लिए अनाज के प्रयोग में अन्तंर, बीज उद्योग का ढाचा हमारे जीवन में बीज क्या है और उनके महत्व को समझाया मानगढ इकाई प्रबंधक प्रशांत थोरात ने सामुदायिक बीज प्रबंधन हमारे किसान समुह, स्वराज संगठन के भुमिका और आजिविका संवर्धन बढाने, बीज संवर्धन संरक्षित करने करने के तकनीकी पक्ष, बीजो उपचार के बारे में मार्गदशन कीया प्रशिक्षण में राजीविका से रमिला देवी, समूह सखी ऊषा ,मनीदेवी ,सितादेवी, शारदा डामोर, गिता, कुकुदेवी ,कालादेवी ,लक्ष्मी धनुडी ,शांतादेवी कालादेवी सहित स्वयं समूहों से जुड़ी हुई 150 से अधिक महिलाओं ने भाग लिया।
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