जयनगर, मधुबनी। मधुबनी जिला के जयनगर में डॉक्टर राधा कृष्णन के जन्म दिवस के उपलक्ष्य पर माँ अन्नपूर्णा सिलाई सेंटर, जयनगर में टीचर-डे धूमधाम से मनाया गया। आज सेन्टर के बच्चों ने बहुत ही खुशी से इस दिन को मनाया। इस अवसर पर माँ अन्नपूर्णा सिलाई सेन्टर, जयनगर के प्रशिक्षक मुन्नी देवी ने कहा कि अध्यापक ही होता है, जो बच्चें के मनोभाव को पहचानता है। मां-बाप से कही ज्यादा अध्यापक बच्चों को समझते है, क्योंकि दिन के आधे हिस्से में से वही उनके साथ अधिक रहते हैं। एक अध्यापक देश का निर्माता होता है। अध्यापक एक आम बच्चें को कल का नेता, डाक्टर, वकील, इंडीनीयर आदि बनाता है। उनके दिशा निर्देशों पर ही चल कर बच्चें अपनी मंजिल को पा सकते है, बिना गुरु के कोई भी अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच सकता है।इस मौके पर माँ अन्नपूर्णा महिला मंच के सक्रिय सदस्या कामिनी साह ने कहा कि वैसे तो शिक्षक दिवस सभी देशों में अलग-अलग तिथि को मनाया जाता है, लेकिन भारत में पांच सितंबर डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है। जो एक शिक्षक होते हुए भारत के प्रथम उप राष्ट्रपति एवं द्वितीय राष्ट्रपति भी थे। भारत में बहुत सारे महान लोग है, पर डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिन पर ही क्यों मनाया जाता है, क्योंकि वे बच्चों से बहुत प्यार करते थे। छात्रों के भविष्य को उज्जवल बनाने आगे चल के अपने लक्ष्य को प्राप्त करना ही संस्थान का उद्देश्य है। मौजूद छात्र छात्राओं ने गुरु शिष्य के परंपरा को निभाने और एक अच्छे शिक्षक की तरह छात्रों ने प्रण किया कि वो अपने आस पास रहने वाले अशिक्षित, भटके हुए छात्रों को सही राह दिखाने एवं एक अच्छे इंसान बनने की प्रेरणा दें। इस मौके पर माँ अन्नपूर्णा सिलाई सेन्टर, जयनगर के प्रशिक्षक मुन्नी देवी, माँ अन्नपूर्णा महिला मंच की सदस्या कामिनी साह, सबिता देवी, पूजा राउत, पल्लवी राउत, माँ अन्नपूर्णा सेवा समिति के मुख्य संयोजक अमित कुमार राउत, माँ अन्नपूर्णा कम्युनिटी किचन के सचिव लक्षमण यादव, सुमित कुमार सहित कई छात्राएं उपस्थित थे।
क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस? आखिर क्या है इसके मायने :
प्रथम उप-राष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती 5 सितंबर को होती है। उन्हीं की याद में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। एक बार उनके कुछ विद्यार्थी और दोस्तों ने उनसे कहा कि, वह उनके जन्मदिन को सेलिब्रेट करना चाहते हैं। तब उन्होंने कहा था, "मेरा जन्मदिन अलग से मनाने के बजाए अगर मेरा जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो मुझे गर्व महसूस होगा।" सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद और महान दार्शनिक थे। डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन को 27 बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया गया था। 1954 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
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