कविता : सपने - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 1 सितंबर 2022

कविता : सपने

सपने वो नही होते, जो सोने के बाद आते हैं।


सपने तो वो होते हैं, जो हमें सोने नहीं देते हैं।


जो हमें हर रोज एक मंजिल दिखाते हैं,


हम में नया जोश भर देते हैं।


हमें हमारी मंजिल तक पहुंचाते हैं,


हम सपनों को पाने की जब मेहनत करते हैं।


सपने भी हमसे मिलने की चाहत करते हैं।


सपने वो होते हैं जो हमें राह दिखाते हैं,


कठिन डगर पर चलना सिखाते हैं।। 


 



नीमा गढ़िया
नीमा गढ़िया

पोथिंग, कपकोट

बागेश्वर, उत्तराखंड

चरखा फीचर

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