मुजफ्फरपुर धर्मप्रांत की सबसे बड़ी पल्ली लतौना में तीन दिवसीय क्रूस वीर शिविर आयोजित किया गया.इस क्रूस वीर शिविर का समापन आज हो गया.मुजफ्फरपुर धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष काजीटन फ्रांसिस ओस्ता ने पवित्र मिस्सा अर्पित किये. पटना महाधर्मप्रांत में पटना,बक्सर,बेतिया, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया और भागलपुर धर्मप्रांत है.इन सभी धर्मप्रांतों में पल्ली है.इन पल्लियों में पल्ली पुरोहित एवं उनके सहायक पुरोहित रहते हैं.उन दोनों पुरोहितों का कर्तव्य है कि महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष व धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष द्वारा मान्यता प्राप्त वाईसीएस,आईकफ,पल्ली परिषद,महिला संघ,संत विंसेंट डी पौल, क्रूस वीर आदि को संचालित करते रहे.हो सके तो आध्यात्मिक सलाहकार बने.समय-समय पर उत्प्रेरक शिविर का आयोजन करें.इसी सिलसिले में मुजफ्फरपुर धर्मप्रांत की सबसे बड़ी पल्ली लतौना में तीन दिवसीय क्रूस वीर शिविर आयोजित किया गया.इस क्रूस वीर शिविर का समापन आज हो गया.मुजफ्फरपुर धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष काजीटन फ्रांसिस ओस्ता ने पवित्र मिस्सा अर्पित किये। बता दें कि मुजफ्फरपुर धर्मप्रांत के क्रूस वीर के निदेशक फादर डेविड एलियास है.इसके साथ ही लतौना पल्ली के पल्ली पुरोहित फादर डेविड एलियास है.उनके कुशल नेतृत्व में 25 से 28 अक्टूबर तक तीन दिवसीय क्रूस वीर शिविर आयोजित किया गया.मुजफ्फरपुर धर्मप्रांत के विभिन्न पल्लियों से 156 बच्चों ने भाग लिये.14 एनिमेटर्स और 15 वोलेट्रियर्स उपस्थित रहे.रिर्सोस परसन फादर इसीडोर और फादर जोसेफ मरांडी थे. मुजफ्फरपुर धर्मप्रांत के क्रूस वीर के निदेशक फादर डेविड एलियास ने कहा कि इस शिविर का थीम क्रूस वीर के हथियार है.इस अवसर पर प्रार्थना, Eucharist, sacrifice और discipleship के बारे में शिविरार्थी बच्चों को बताया गया.उन्होंने कहा कि क्रूस वीर जगत की ज्योति हैं.जो एक बार क्रूस वीर बन जाता है, वह आजीवन बना रहता है. वे येसु के सैनिक हैं, जिन्होंने उनके पीछे चलने का संकल्प लिया है.उन्होंने कहा कि सभी क्रूस वीरों को परिवार तथा समाज के लिए दर्पण बनना है. दर्पण सच्चाई को दिखाता सभी को इसी सच्चाई पर चलना है. प्रकाश में दर्पण और स्पष्ट दिखता है, तुम्हे भी ज्योति और नमक बनना है तभी समाज बदलेगा. फादर डेविड ने शिविर के उद्देश्य पर प्रकाश डाला.उन्होंने कहा कि परिवार समाज की सबसे छोटी इकाई है यदि आप परिवार के लिए दर्पण हैं तो समाज का भी प्रतिबिंब बन जातें है. सभी क्रूस वीरों को अच्छे गुणों को धारण करना है. अपने पल्ली में ऐसे बच्चे क्रूस वीर में शामिल होते हैं.बच्चे जलती हुई मोमबत्ती के साथ जुलूस में चर्च में प्रवेश करते हैं.जो 'क्राइस्ट द लाइट' का प्रतीक है.उक्त अवसर पर बच्चों को जरूरतमंद लोगों की सेवा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है कि क्योंकि उनका आदर्श वाक्य उन्हें आत्माओं को बचाने और ईश्वर के राज्य का विस्तार करने के लिए आमंत्रित करता है. इस अवसर पर क्रूस वीर के सदस्यों को क्रॉस दिया जाता है और शपथ ग्रहण करते हैं.
शनिवार, 29 अक्टूबर 2022
बिहार : क्रूस वीर शिविर का समापन आज हो गया
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