80 साल के खड़गेे ने शशि थरूर को बड़े अंतर से अध्यक्ष चुनाव में पराजित किया है.कई राजनीतिक ड्रामेबाजी के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे को अपना आधिकारिक उम्मीदवार बनाया था. शशि थरूर सोनिया गांधी की अनुमति लेकर चुनाव मैदान में उतरे थे, लेकिन जैसे ही कांग्रेस ने अपना आधिकारिक मल्लिकार्जुन खड़गे को बनाया इसलिए यह पहले से ही तय था कि वही कांग्रेस के अगले अध्यक्ष बनने वाले हैं. थरूर ने चुनाव नतीजों की आधिकारिक घोषणा से पहले ही अपनी हार स्वीकार कर ली और खड़गे को बधाई दी.कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे बुधवार को पार्टी के नए अध्यक्ष निर्वाचित हो गए.थरूर ने एक बयान में कहा, अंतिम फैसला खड़गे के पक्ष में रहा, कांग्रेस चुनाव में उनकी जीत के लिए मैं उन्हें हार्दिक बधाई देना चाहता हूं. उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस का अध्यक्ष बनना बड़े सम्मान, बड़ी जिम्मेदारी की बात है, मैं मल्लिकार्जुन खड़गे को इस चुनाव में उनकी सफलता के लिए बधाई देता हूं.‘ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आंध्र प्रदेश के अडोनी में ‘भारत जोड़ो यात्रा‘ के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि नए अध्यक्ष यह तय करेंगे कि ‘मेरी भूमिका क्या है और मुझे क्या जिम्मेदारी दी जाएगी.‘ अध्यक्ष पद के चुनाव के नतीजे घोषित होने से पहले पत्रकारों से बात कर रहे राहुल ने एक बार कहा, यह खड़गे को तय करना है लेकिन बाद में अपने शब्दों को सुधारते हुए उन्होंने कहा, जो कोई भी चुना जाएगा, वह सज्जन फैसला करेंगे. राहुल से जब पूछा गया कि क्या वह नए अध्यक्ष को रिपोर्ट करेंगे, उन्होंने कहा, जाहिर है.राहुल गांधी के इस बयान ने विपक्षी पार्टियों को सवाल उठाने के मौका दे दिया. कांग्रेस की निवर्तमान अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को पार्टी के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर पहुंचकर उन्हें बधाई दी. चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद सोनिया गांधी 10 राजाजी मार्ग स्थित खड़गे के आवास पर पहुंचीं. उनकी बेटी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी इस दौरान उनके साथ थीं. अध्यक्ष अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष पद पर श्री मल्लिकार्जुन खड़गे के निर्वाचित होने पर बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष डा0 मदन मोहन झा ने हार्दिक बधाई एवं शुभकामना दी है. डा0 मदन मोहन झा ने बधाई देते हुए कहा कि श्री खड़गे पार्टी के सर्वाधिक अनुभवी नेताओं में से एक हैं गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले खड़गे प्रखंड स्तर से कांग्रेस की राजनीति में शामिल हुए. विधायक और सांसद तो हुए ही केन्द्र सरकार में रेल और श्रम जैसे महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री भी रहे. उन्होंने लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई है.उनका अब तक का राजनीतिक जीवन सादगीपूर्ण और उच्च आदर्शों वाला रहा है.
कांग्रेस विधायक दल के नेता अजित शर्मा, सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह, पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार, प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी, डा0 समीर कुमार सिंह, श्याम सुन्दर सिंह धीरज, डा0 अशोक कुमार, अनुशासन समिति के अध्यक्ष कृपानाथ पाठक, विधान पार्षद प्रेमचन्द्र मिश्रा, मीडिया विभाग के चेयरमेन राजेश राठौड़, सदस्यता प्रभारी ब्रजेश प्रसाद मुनन,कुमार आशीष, ब्रजेश पाण्डेय, असितनाथ तिवारी, लाल बाबू लाल, ज्ञान रंजन,राजेश कुमार सिन्हा, मृणाल अनामय,जय प्रकाश चौधरी, राजेश मिश्रा, उदय शंकर पटेल, रवि गोल्डन, उदय शंकर पटेल, रवि गोल्डन,सिसिल साह, पंकज यादव ने भी श्री मल्लिकार्जुन खड़गे के अध्यक्ष पद पर निर्वाचित होने पर बधाई दिया है. खड़गेे गांधी परिवार के शुरू से वफादार रहे हैं. छात्र राजनीति से शुरुआत करने वाले खड़गे ने एक लंबी पारी यूनियन पॉलिटक्स की भी खेली. साल 1969 में वह एमएसके मिल्स एम्प्लॉईज यूनियन के कानूनी सलाहकार बन गए।.वह संयुक्त मजदूर संघ के एक प्रभावशाली नेता थे, जिन्होंने मजदूरों के अधिकारों के लिए किए गए कई आंदोलनों का नेतृत्व किया. कांग्रेसी नेता खड़गे का जन्म कर्नाटक के बीदर जिले के वारावत्ती इलाके में एक किसान परिवार में हुआ था. उन्होंने गुलबर्गा के नूतन विद्यालय से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और गुलबर्गा के सरकारी कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली। फिर गुलबर्गा के ही सेठ शंकरलाल लाहोटी लॉ कॉलेज से एलएलबी करने के बाद वकालत करने लगे. साल 1969 में उन्होंने कांग्रेस का हाथ थामा और 1972 में पहली बार कर्नाटक की गुरमीतकल असेंबली सीट से विधायक बने. खड़गे गुरमीतकल सीट से नौ बार विधायक चुने गए. इस दौरान उन्होंने गुंडू राव, एसएम कृष्णा और वीरप्पा मोइली की सरकारों में विभिन्न विभागों में मंत्री का पद भी संभाला. वह दो बार गुलबर्गा से कांग्रेस के लोकसभा सांसद भी रहे हैं. अध्यक्ष के तौर पर कांग्रेस की कमान संभालने के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे को कई चुनावी परीक्षाओं से गुजरना होगा. इस साल गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं.ऐसे में खड़गे के कार्यकाल की शुरुआत इन दो चुनावी परीक्षाओं से होगी. चुनावी परीक्षाओं का सिलसिला आगे भी जारी रहेगा क्योंकि अगले साल की शुरुआत में कर्नाटक में भी विधानसभा चुनाव होने हैं. अगले साल से ही 2024 में होने वाले आम चुनावों की सरगर्मी तेज हो जाएगी. जाहिर है खड़गे से बेहतर प्रदर्शन की अपेक्षाएं भी होंगी.
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