सुपौल. तिरहुत प्रमंडल के सुपौल जिले में कोशी में तमाम उतार चढ़ाव के बावजूद भी हमलोग साथ मिलकर 14 वर्ष की सामूहिक यात्रा पूरा किए.इसमें भागीदार, मददगार, समर्थन करने वाले सभी साथियों का हृदय से महेंद्र यादव ने आभार व्यक्त किया है.उन्होंने कहा कि इस यात्रा में पूर्व अध्यक्ष रामजी बाबू जैसे साथी अलविदा कर प्रकृति को प्यारे हो गए उन सभी को सादर नमन. मैं महेंद्र यादव कोशी मेधा पाटकर जी के साथ गया था इस बार की 25 सितम्बर की महापंचायत में साथियों से कहा कि यदि आप लोग इजाजत देते तो मैं मेधा ताई के साथ घर वापसी कर लेता, घर परिवार की जिम्मेवारियां भी लगातार बढ़ती गयी है, साथ में स्वास्थ्य सम्बंधित चुनौतियां भी बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि पर कहां हो पाता है.सभी ने एक बार फिर एकजुटता दिखाते हुए जोरदार भगीदारी की, मुंबई से आई गुड्डी से भी कहा कि ताई के साथ वापस हो जाता तो अच्छा रहता पर ताई कहाँ सुनती ऊपर से कोशी के साथियों का अपनापन की डोर कहाँ छूट रही है.यदि पहले की भांति बनवास भी होता तो 14 साल का समय पूरा हो गया होता, पर यह स्वेच्छा से लिया गया कोशीवास है जो कहाँ पूरा हो रहा है. महापंचायत के बाद पटना पहुंचा तो डेंगू ने जकड़ लिया और उसकी बेजोड़ पीड़ादायक स्थिति से उबरना हुआ है. आज संगठन के साथियों के प्रतिनिधिमंडल के साथ आपदा मंत्री से मिलकर महापंचायत के निर्णयों से अवगत कराया गया, वे कोशी जाने को तैयार दिखे, बीच में राजस्व व भूमि सुधार मंत्री से मिलने के लिए दो दिनों का प्रयास संयोगवस विफल रहा, आवेदन दिया गया पर ऊनसे ठोस वार्ता नही हो पा रही है, एक सक्षम साथी वादा किए थे कि मिलवाएंगे पर उनकी व्यस्तता रही होगी जो फोन उठाना बंद कर दिए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव से मिलना बाकी है.पर कोशी की लड़ाई अपनी ताकत व एकता के बल पर ही जीती जा सकती है मिलने मिलाने व कुर्सी पर बैठे नेताओं अफसरों के मायाजाल में हमलोग हर बार संवाद कायम करने विफल रहते है. बड़े ओहदे के लोग साफ झूठ बोलकर, ऐसे मूर्ख की तरह तर्कहीन अज्ञानी बातें करते है कि उनसे बात करने में हिम्मत नही होती, इस बार माननीय पटना उच्च न्यायायल में भी देखा जा रहा है.
शनिवार, 22 अक्टूबर 2022
बिहार : आज कोशी नव निर्माण मंच का स्थापना दिवस
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