- * नेपाल में हो रही भारी बारिश के मद्देनजर गंडक सहित अन्य नदियों पर भी रखें पैनी नजर
- * अधिकारी रहें सतर्क, एसओपी का करें सख्ती से पालन
- * 03 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़े जाने की है संभावना
वाल्मीकिनगर. बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार द्वारा आज वाल्मीकिनगर गंडक बराज का निरीक्षण किया गया तथा अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया.नेपाल में हो रही भारी बारिश के मद्देनजर अलर्ट जारी किया गया है. नेपाल में कुछ जगहों पर बारिश की मात्रा 250 एमएम से भी ज्यादा रिकॉर्ड की गयी है. गंडक बराज से आज 03 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़े जाने की संभावना है.उक्त के मद्देनजर जिलाधिकारी, श्री कुंदन कुमार द्वारा सभी संबंधित अधिकारियों को गंडक नदी सहित अन्य सभी नदियों के जलस्तर की निगरानी करने के लिए निर्देशित किया गया है. जिलाधिकारी ने कहा कि सभी अधिकारी सतर्क रहें और गंडक नदी सहित अन्य नदियों पर भी पैनी नजर बनाए रखें. साथ ही बाढ़, कटाव से संबंधित एसओपी का सख्ती के साथ अनुपालन कराना सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी एसओपी के तहत सभी एसडीएम एवं अंचलाधिकारी अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत सभी तैयारी अपडेट रखेंगे. संभावित बाढ़ एवं कटाव से निपटने के लिए सभी तैयारियां ससमय कर लेनी है ताकि जान-माल की सुरक्षा की जा सके. समीक्षा के क्रम में जिला आपदा प्रभारी पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि 06 अक्टूबर को दोपहर तक गंडक बराज द्वारा 02 लाख 90 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है.एहतियातन सभी अंचलाधिकारियों को अलर्ट रहकर आवश्यक कार्रवाई करने के लिए निर्देशित कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि जिला आपदा शाखा द्वारा संभावित बाढ़ एवं कटाव से निपटने के लिए समुचित व्यवस्था की गयी है. आपातकालीन संचालन केंद्र पूर्णरूपेण 24×7 कार्यरत है.उसका संपर्क नंबर-06254-247002, फैक्स संख्या-06254-247003 है. जिलाधिकारी ने कहा कि गंडक बराज द्वारा अत्यधिक मात्रा में पानी छोड़े जाने की स्थिति में नदियों के जलस्तर में तेजी के साथ बढ़ोतरी होगी. ऐसी स्थिति में निचले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को माईकिंग आदि के माध्यम से सुरक्षित स्थानों पर जाकर रहने को कहा जाय. उन्होंने निर्देश दिया कि सभी एसडीएम संबंधित कार्यपालक अभियंता के साथ संयुक्त रूप से तटबंधों का निरीक्षण करेंगे तथा आवश्यकतानुसार सुरक्षात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे.बाढ़ शरण स्थल को पूरी तरह से फंक्शनल रखा जाय ताकि विषम परिस्थिति में उपयोग में लाया जा सके.उन्होंने कहा कि नाव तथा नाविकों को भी अलर्ट मोड में रखा जाय.संभावित प्रभावित स्थलों पर नाव, नाविकों की प्रतिनियुक्ति की जाय तथा उक्त कार्य की समुचित मॉनिटरिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय.उन्होंने कहा कि नाव दुर्घटनाओं से बचाव के लिए सभी अंचल अधिकारी कारगर उपाय करेंगे. उन्होंने निर्देश दिया कि सामुदायिक रसोई घर के संचालन हेतु सभी तैयारियां अपडेट रखी जाय ताकि आवश्यकता पड़ने पर इनका उपयोग किया जा सके. सिविल सर्जन संभावित बाढ़ के मद्देनजर बाढ़ आश्रय स्थल, सामुदायिक रसोई घर सहित बांधों अथवा ऊंचे स्थानों पर रहने वाले व्यक्तियों के लिए समुचित स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे. जिला पशुपालन पदाधिकारी पशुओं के लिए पर्याप्त चारा एवं मेडिसिन की समुचित व्यवस्था करेंगे. जिलाधिकारी ने कहा कि संभावित बाढ़ क्षेत्रों में एसडीओ, बीडीओ, सीओ संबंधित कार्यपालक अभियंता के माध्यम से फ्लड फाईटिंग मेटेरियल डिसेन्ट्रलाइज तरीके से स्टॉक कराना सुनिश्चित करेंगे ताकि आवश्यकता पड़ने पर त्वरित गति से सुरक्षात्मक कार्य कराया जा सके. उन्होंने कहा कि जेसीबी, ट्रैक्टर, क्रेन मालिकों की लिस्टिंग कर ली जाय. ट्रैक्टर पर फ्लड लाइट, जनरेटर सहित अन्य आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता होनी चाहिए. साथ ही डिसेंट्रलाइज तरीके से गोताखोरों की भी प्रतिनियुक्ति की जाय. एसडीआरएफ की पूरी टीम आवश्यक संसाधनों के साथ हमेशा मुस्तैद रहेगी. इस अवसर पर जिला आपदा प्रभारी पदाधिकारी, श्री अनिल राय सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे.
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