- नगर निकाय चुनाव में पिछड़ों के आरक्षण को रद्द करने के खिलाफ भाकपा-माले के एक दिवसीय राज्यव्यापी विरोध के तहत मधुबनी नगर के मधुबनी - कलुआही मुख्य सड़क पर माले कार्यकर्ताओं ने मार्च निकाला और भाजपा का किया पुतला दहन
माले नगर/मधुबनी। 8 अक्टूबर, भाकपा-माले के दर्जनों कार्यकर्ताओं ने जिला पार्टी संपर्क कार्यालय,मालेनगर से नगर निकाय चुनाव में अतिपिछड़ों-पिछड़ो के आरक्षण को समाप्त करने के भाजपाई साजिश के खिलाफ बिरोध मार्च निकाला। मधुबनी-कलुआही मुख्य सड़क पर भाजपा का पुतला जलाया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भाकपा-माले मधुबनी जिला कमिटी सदस्य सह मधुबनी नगर संयोजक बिशंम्भर कामत ने कहा कि पटना हाई कोर्ट ने नगर निकाय चुनाव में पिछड़ों के आरक्षण को गैरकानूनी बताते हुए आरक्षित सीटों पर चुनाव को रद्द कर दिया है। इसके खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट गई है और दो चरणों वाले संपूर्ण नगर निकाय चुनाव को ही राज्य चुनाव आयोग ने अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया है। दरअसल नगर निकाय चुनाव में पिछड़ों का आरक्षण भाजपाई साजिश का शिकार हुआ है।अगर इसकी प्रक्रिया को देखें तो साफ पता चलता है कि आरक्षण के मामले में यह अड़ंगा लगाना ही है। पिछड़ी/अतिपिछड़ी जातियों का पिछड़ापन कोई अबूझ पहेली नहीं है। इसकी जरूरत दिन के उजाले की तरह साफ है। शिक्षा और नौकरी में आरक्षण के साथ पंचायतों/नगर निकायों सहित अन्य राजनीतिक संदर्भों में पिछड़ों/अतिपिछड़ों को आरक्षण उनके ऐतिहासिक पिछड़ेपन को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि बिहार में जातीय जनगणना होने वाली है। जनगणना के बिंदुओं को और व्यापक बनाने का निर्देश भी हाई कोर्ट दे सकता था जिससे कि पिछड़ों के आरक्षण के ट्रिपल टेस्ट की शर्तें भी पूरी हो जातीं। चुनाव अंतिम चरण में था। आर्थिक संकट के इस गंभीर दौर में सरकार और जनता के करोड़ों रुपए खर्च हो चुके थे। इसे रोकना न सिर्फ एक भारी आर्थिक क्षति है, बल्कि स्थानीय स्तर पर कार्यरत लोकतांत्रिक प्रणाली को भी बाधित करना है। इसके खिलाफ पार्टी आगे भी संघर्ष चलायेगी। कार्यक्रम में मोहम्मद ईमरान,धनिक लाल पासवान, शंभू साह,योगी पासवान, अरुण साह,बैज्जू साह, अर्जुन साह, मनीष पासवान सहित दर्जनों माले कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
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