--- वीरेंद्र यादव न्यूज ---
नगर निगम के मेयर और उपमेयर, नगर परिषद और नगर पंचायत के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का जनता द्वारा प्रत्यक्ष चुनाव का प्रस्ताव 2017 में आया था। उसी प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद 2022 के नगर निकाय चुनाव में अपनाया जा रहा है। राज्य सरकार ने नगर प्रमुख और उपप्रमुख के पदों का आरक्षण तय किया और अब चुनाव प्रक्रियाधीन है। 2017 में मेयर, उपमेयर तथा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पदों के लिए प्रत्यक्ष चुनाव का प्रस्ताव तत्कालीन नगर विकास और आवास मंत्री महेश्वर हजारी ने लाया था। वीरेंद्र यादव न्यूज के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि 2016 में नगर निकाय चुनाव के दौरान मेयर और अध्यक्षों के चुनाव में बड़े पैमाने पर धन बल के इस्तेमाल की शिकायत मिल रही थी। इसी के आलोक में इन पदों पर सीधा चुनाव का प्रस्ताव नगर विकास विभाग ने दिया था। उन्होंने कहा कि मेयर और उपमेयर का चुनाव जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से होने आरक्षित जातियों को बड़ा लाभ हुआ है। 2016 के चुनाव तक नगर निगम के उपमेयर और नगर परिषद व पंचायत के उपाध्यक्ष का पद आरक्षित नहीं था। सीधा चुनाव होने के कारण इन पदों पर भी आरक्षण तय किया गया। अपने राजनीतिक कैरियर के संबंध में चर्चा करते हुए कहा कि फरवरी, 2005 में पहली बार लोजपा के टिकट पर निर्वाचित हुए थे। उसी साल नवंबर में दूसरी बार समस्तीपुर की वारिसनगर सीट से निर्वाचित हुए। 2009 में जदयू के टिकट पर लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए। 2014 में लोकसभा चुनाव में पराजित हो गये। इसके बाद 2015 में कल्याणपुर से विधान सभा के लिए निर्वाचित हुए। 2015 में महागठबंधन सरकार में नगर विकास और आवास मंत्री बने थे। उसी टर्म में मेयर और अध्यक्ष के पदों पर प्रत्यक्ष चुनाव का प्रस्ताव लाया गया था। जुलाई, 2017 में एनडीए की सरकार बनने के बाद वे भवन निर्माण विभाग, योजना और विकास विभाग तथा उद्योग विभाग के मंत्री बनाये गये। 2020 के चुनाव में कल्याणपुर से विधान सभा के लिए चौथी बार निर्वाचित हुए और मार्च 2021 में उन्हें विधान सभा का उपाध्यक्ष बनाया गया। अगस्त महीने बिहार में सरकार बदलने के बाद नयी सरकार को बहुमत दिलवाने और नये अध्यक्ष का चुनाव करवाने की प्रक्रिया के दौरान महेश्वर हजारी ही स्पीकर के आसान पर विराजमान थे। वे कहते हैं कि उन्हें राजनीति में विरासत में मिली है। दादा विलायत हजारी स्वतंत्रता सेनानी थे और तीन बार सीपीआई के विधायक बने थे। पिता रामसेवक हजारी एक बार सांसद और सात बार विधायक बने थे। परिवार में चाचा और अन्य परिजन विभिन्न विधान सभा क्षेत्रों का सदन में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। महेश्वर हजारी कहते हैं कि उनके सांसद रहते हुए 2009 से 2014 तक के बीच समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 5000 करोड़ से अधिक राशि की सड़कों का निर्माण हुआ था। इसके साथ इस योजना के तहत बेहतर काम के लिए समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र को देश में पहला स्थान मिला था। उन्होंने कहा कि अपने निर्वाचन क्षेत्र में कई बड़े पुलों का निर्माण करवाया। सैकड़ों सड़कों का निर्माण करवाया। भविष्य की राजनीति के संदर्भ में वे कहते हैं कि पार्टी नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्णयों के साथ पार्टी की मजबूती के लिए काम करते रहेंगे।
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