लौरिया प्रखंड के लकर सिसई में प्रशांत किशोर ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कि जो भाजपा आपको दिख रही है वो सिर्फ़ झाग है, नीचे की कॉफ़ी आरएसएस है। मैंने कई राज्यों में भाजपा को हराने में कंधा लगाया है। 10 साल अलग-अलग पार्टियों के साथ काम करने के बाद समझ में आया कि भाजपा को विचारधारा की लड़ाई से ही रोका जा सकता है। चाहे 10 साल लगे या 15 साल इस विचारधारा के विरोध में मज़बूती से लड़ाई लड़नी पड़ेगी। प्रशांत किशोर ने आगे बताया कि नीतीश कुमार के बार-बार बुलाने के बाद भी वो जदयू के साथ क्यों नहीं गए। उन्होंने कहा, "जदयू का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहते हुए जब मुझे पता चला कि मेरी पार्टी ने CAA-NRC के पक्ष में वोट किया है तो मैंने नीतीश कुमार से पूछा की ऐसा क्यों है? तब नीतीश कुमार ने कहा कि मैं दौरे पर था मुझे पता नहीं लगा, मगर हम इसे बिहार में लागू नहीं होने देंगे। मैं तभी समझ गया की ऐसे आदमी के साथ काम करना सम्भव नहीं है और भाजपा को रोकने पश्चिम बंगाल की लड़ाई में कूद गया। टीएमसी की हालत ख़राब थी पर हमने जी जान लगा कर भाजपा को रोका। मैंने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि भाजपा को 100 का आंकड़ा भी पार नहीं करने देंगे और वही चुनाव में हुआ भी।
चंपारण, जन सुराज पदयात्रा के 29वें दिन प्रशांत किशोर ने सैकड़ों पदयात्रियों के साथ 17 किमी का सफर तय किया। पदयात्रा आज बगही से चल कर बसवरिया, लकर सिसई, धोबनी, पकरि मरिहा और बिस्वनिया होते हुए लौरिया पहुंची। इस दौरान जगह-जगह पर लोगों ने प्रशांत किशोर और उनके साथ चल रहे सैंकड़ों पदयात्रियों का स्वागत किया गया। पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर ने जन सभाओं को भी संबोधित किया और लोगों के साथ जन सुराज पर चर्चा की। स्थानीय जनप्रतिनिधि, महिलाएं, युवा इस पदयात्रा में बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं और जन सुराज के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प भी ले रहे हैं। प्रशांत किशोर हर रोज़ लगभग 20 किमी पैदल चल रहे हैं और सैकड़ों ग्रामीणों से मिलकर उनकी समस्याओं को समझने का प्रयास कर रहे हैं।
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