उठा शस्त्र, उठा तू नारी है।
साक्षात देवी अवतारी है।।
कन्या रूप धर धरती पर।
आई भद्रकाली अवतारी है।।
रक्त से अपने आंगन भर।
भ्रूण हत्या को मिटवाई है।।
नव जीवन इस संसार को।
देने फिर तू आई है।।
फूल नहीं अंगार भरे तू।
ज्वालामुखी अवतारी है।।
नन्हीं सी ही जान सही।
तू नारी शक्ति अवतारी है।।
पार्वती आर्य
फस्याली कपकोट
बागेश्वर, उत्तराखंड
चरखा फीचर
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