--- वीरेंद्र यादव न्यूज ----
जहानाबाद जिले के मखदुमपुर से राजद के विधायक हैं सतीश कुमार। वे कहते हैं कि पिछले दो वर्षों के कार्यकाल में अधिक समय विपक्ष में रहे। मजबूत विपक्ष की भूमिका का निर्वाह भी किया। मजबूत विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए ही तत्कालीन अध्यक्ष ने विधान सभा परिसर को पुलिस छावनी बना दिया था। पुलिस को सदन में घुसकर विधायकों के साथ मारपीट के लिए छूट दे रखी थी। वे कहते हैं कि पुलिस ने विधायकों को इतनी पिटाई की कि कई विधायकों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था, जिसमें सतीश कुमार खुद थे। उन्हें बेहतर इलाज के लिए दिल्ली भी जाना पड़ा था। सतीश कुमार ने कहा कि दो वर्षों में मुख्यमंत्री और अध्यक्ष के बीच का टकराव भी जगजाहिर है। दोनों के बीच सदन में ही गरमागरम बहस का गवाह विधायक बने थे। पहली बार सत्तारूढ़ दल जदयू ने ही सदन में भाजपा के स्पीकर का बहिष्कार किया। इसके बाद उस दिन सदन की बैठक स्थगित करनी पड़ी थी। एनडीए गठबंधन के दलों में भी तालमेल नहीं होने के कारण कई बार सरकार को किरकिरी झेलनी पड़ी थी। स्पीकर और मंत्रियों के बीच भी टकराव दिखी। विधायक सतीश कुमार का कहना है कि विधान सभा सचिवालय प्रश्नों के चयन में भेदभाव करता है और सरकार सदन को गलत उत्तर देकर गुमराह करती है। वे कहते हैं कि संसदीय कमेटियां के कामकाज में गंभीरता नहीं दिखती है। इन कमेटियों को अधिक सक्षम और कार्यशील बनाने की जरूरत है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें