इस बैठक में सरकार से सिफारिश की गई कि ईपीएस-95 योजना में कुछ संशोधन कर रिटायर होने वाले सब्सक्राइबर्स को पेंशन फंड में जमा राशि निकालने की अनुमति दी जाए. श्रम मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि अगर आप कहीं नौकरी करते हैं तो आप ईपीएफ अकाउंट (EPF Account) होल्डर हैं. ऐसे में आपको ईपीएफओ (EPFO) की ईपीएस 95 स्कीम (EPS 95 scheme) या ईपीएस 1995 स्कीम के बारे में भी जान लेना चाहिए. केंद्र सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 (1952 का 19) की धारा 6ए के तहत कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 शुरू की थी. ईपीएफओ के मुताबिक यह स्कीम 16 नवंबर 1995 से प्रभाव में आई थी. यह स्कीम उन कंपनियों और दूसरे प्रतिष्ठानों के सभी कर्मचारियों पर लागू होती है जिन पर कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 लागू होता है. ईपीएफओ की ईपीएस 1995 स्कीम (EPS 1995 scheme) के तहत 1 सितंबर 2014 से 1000 रुपये की मिनिमम पेंशन की सुविधा शुरू की. कर्मचारी की मृत्यु की स्थिति में भी मेंबर के परिवार का एक सदस्य पेंशन पाने के लिए योग्य हो जाता है. मौत के समय तक अगर कर्मचारी मेंबर था तो परिवार वालों को मैक्सिमम 6 लाख रुपये तक का बेनिफिट मिलता है. ईपीएस '95 स्कीम (EPS 95 scheme) के मुताबिक, अगर मेंबर का कोई परिवार नहीं है, तो मेंबर की मृत्यु पर जो भी नामित व्यक्ति यानी नॉमिनी है, को जीवनभर पेंशन मिलता रहेगा. अगर ईपीएफ मेंबर यानी कोई कर्मचारी 58 साल की आयु से पहले 10 साल तक सेवा में नहीं रह पाता है, तो वह 58 वर्ष की आयु में पूरी राशि निकाल सकता है. यहां यह उल्लेखनीय है कि रिटायरमेंट के बाद उन्हें मासिक पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा. कर्मचारी पेंशन योजना 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति के बैनर तले रविवार को रोडवेज परिसर स्थित सभागार में सेवानिवृत्त कर्मचारियों व अन्य कर्मचारियों ने बैठक की. अध्यक्षता मंडल अध्यक्ष आरपी सिंह व संचालन विद्यामणि शुक्ल ने किया. पदाधिकारियों ने ईपीएस 95 पेंशन योजना से वंचित सभी कर्मियों को न्यूनतम पांच हजार रुपये भत्ता हर माह दिए जाने की मांग उठाई. मंडल अध्यक्ष ने कहा कि लंबित मांगों के लिए समिति निरंतर संघर्ष कर रही है.मांग पूर्ण करवाने के लिए आंदोलन को और तेज करने का निर्णय लिया गया है. जिला सचिव हरीश चंद्र उपाध्याय ने कहा कि ईपीएस-95 पेंशन न्यूनतम 7500 और उस पर महंगाई भत्ता पूरे वेतन पर दिया जाए.सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू किया जाए. पेंशनरों को चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए. गोरखपुर मंडल के सचिव वीपी मिश्रा ने कहा कि कर्मचारी हितों के लिए समिति के पदाधिकारी पीछे नहीं हटेंगे.
नई दिल्ली. केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में 232वीं बैठक संपन्न हुई.बैठक में कहा कि सेवानिवृत्ति कोष निकाय ईपीएफओ का कवरेज मौजूदा स्तर 6.5 करोड़ से 10 करोड़ ग्राहकों तक बढ़ाया जाएगा. ईपीएफओ सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के दायरे का विस्तार किया जाएगा. इसे 6.5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ ग्राहकों तक किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने EPFO विजन 2047 दस्तावेज भी लॉन्च किया. अपने मुकदमों को कम करना और कवरेज बढ़ाना ईपीएफओ की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है. हमने 29 श्रम कानूनों को चार व्यापक संहिताओं में शामिल किया है. ये कोड ईपीएफओ सहित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के विस्तार के लिए प्रदान करते हैं. इसके साथ ही न्यासी मंडल ने 34 वर्षों से अधिक समय से इस योजना का हिस्सा रहे सदस्यों को आनुपातिक पेंशन लाभ देने की भी अनुशंसा की है. इस सुविधा से पेंशनर्स को रिटायरमेंट लाभ के निर्धारण के समय ज्यादा पेंशन पाने में मदद मिलेगी. गौरतलब है कि अभी तक कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के ग्राहकों को 6 महीने से कम की सेवा बाकी रहने पर सिर्फ अपने कर्मचारी भविष्य निधि खाते (Employee’s Provident Fund) में जमा राशि की निकासी की ही अनुमति मिली हुई है. लेकिन रिटायरमेंट बॉडी फंड की ओर से लिए गए इस बड़े फैसले के बाद अब उन कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी, जिनकी कुल 6 महीने की ही सेवा बाकी है. बताया गया कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) ने सरकार से जो सिफारिश की उसमें छह महीने से भी कम सेवा अवधि वाले सदस्यों को अपने ईपीएस-95 के तहत जमा राशि निकालने की सिफारिश पर फैसला लिया गया. खाते से निकासी की सुविधा देशभर में साढ़े 6 करोड़ से ज्यादा EPFO सब्सक्राइबर्स को फायदा देना भी शामिल है. श्रम मंत्रालय की ओर से इसके अलावा वित्त वर्ष 2021-22 के लिए ईपीएफओ के कामकाज पर तैयार 69वीं वार्षिक रिपोर्ट को भी स्वीकृत की गई, जिसे संसद में पेश किया जाएगा.
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