- एक कानून से ज्यादा जरूरी है कि हर कानून में महिलाओं के लिए न्याय और बराबरी के लिए सुधार किए जाएं
पटना. अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन ऐपवा के बैनर तले महिलाओं के लिए बराबरी व न्याय के नजरिए से कानूनों में सुधार की जरूरत विषयक गोष्ठी आयोजित की गई. इस गोष्ठी को संबोधित करते हुए ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी ने कहा कि समान नागरिक संहिता की चर्चा जिस तरह से गुजरात और हिमाचल प्रदेश चुनाव के समय में गृह मंत्री ने शुरू की. इससे साफ जाहिर है कि महिलाओं को न्याय व बराबरी देना भाजपा का उद्देश्य नहीं है. देश में बने पैम राजपूत कमीशन और 2018 में बने लॉ कमीशन ने कहा कि समान नागरिक संहिता से ज्यादा जरूरी है कि सभी पर्सनल लॉ महिलाओं के लिए न्यायपूर्ण बनाए जाएं.मीना तिवारी ने कहा कि कानूनों में सुधार के लिए सरकार को महिलाओं की राय जानने के बाद कदम उठाना चाहिए. गोष्ठी को प्रो. भारती एस कुमार, अधिवक्ता मंजू शर्मा, एडवोकेट नीलिमा सिन्हा, प्रो. मनिता यादव, ऐपवा की नगर अध्यक्ष मधु , सहसचिव अनुराधा, वैष्णवी, दमयंती कुशवाहा, पूनम कुमारी, अफ्शां जबीं, अंकिता मिश्रा, विभा गुप्ता, समता राय, रश्मि श्रीवास्तव समेत कई महिलाओं ने संबोधित किया.
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