रिकार्डिंग वाले दिन भी उनका चेहरा खुशी से छलक रहा था। रिकार्डिंग पश्चात उन्होंने कहा,'आज का दिन मेरे लिये खास है। आज मेरी पुरानी चाह पूरी हुई है। मुझे कई बार यह लगता था कि शायद मेरी किस्मत में सिम्फनी के लिये आवाज देना नहीं लिखा है पर उपरवाले की मेहरबानी से यह मौका भी मिल गया और वह भी जग्गु की फिल्म के तहत। अब मैं गर्व के साथ कह सकती हूँ कि मेरे संगीत में जो अधूरापन था, वह पूरा हो गया। आज मेरी गायिकी का सर्कल पूरा हो गया। सच में मैं ईश्वर की शुक्रगुजार हूं।' आशा जी के श्रीमुख से अपनी तारीफ सुन जैकी श्रॉफ भी भावविभोर हो उठे। उन्होंने कहा,'मेरी पहली फिल्म हीरो की सफलता में संगीत का बड़ा योगदान था। तब से मुझे अच्छे संगीत की अहमियत पता चल गई थी। मैं खुद को खुशनसीब मानता हूं कि आशा जी जैसी महान गायिका को पहली बार सिम्फनी के लिए आवाज़ देने का मौका मेरी फिल्म के तहत मिला। यह सिम्फनी मेरे दिल के करीब रहेगी। क्योंकि इसमें आशा जी की आवाज़ समायी हुई है। अब इस फ़िल्म के कर्णप्रिय संगीत की बदौलत मैं गर्व से कह सकता हूँ कि "यस, लाइफ ईज गुड"।' इस सिम्फनी के बारे में अभिषेक रे का कहना है कि यह कहानी के मूड को प्रस्तुत करती है। इसके बोल में रुत का जिक्र है। जिस तरह रुत बदलती रहती है उसी तरह जिंदगी में भी बदलाव आते रहते हैं। बदलाव की यह प्रक्रिया इस फिल्म की कहानी की नींव है और सिम्फनी की बदौलत यह नींव और मजबूत हो गयी है। यह निर्माता आनंद शुक्ला की पहली फ़िल्म है। उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि अपनी पहली फिल्म के तहत आशाजी का सिम्फनी का बरसों पुराना सपना सच हो जाएगा। आशा जी की गायिकी के कैरियर में अपनी फ़िल्म का महत्वपूर्ण योगदान देख अब वे भी फख्र से कहते हैं , 'लाइफ ईज गुड'।
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