• रिपोर्ट के निष्कर्षों के अनुसार पिछले साल दुनिया भर में लगभग 275 मिलियन लोगों ने नशीली दवाओं का इस्तेमाल किया, जिनमें से 36 मिलियन से अधिक लोग नशीली दवाओं के उपयोग से पीड़ित थे.
• हालांकि, रिपोर्ट में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया है कि पिछले 24 वर्षों में दुनिया भर में कैनबिस की शक्ति चार गुना तक बढ़ गई है जो कि खतरे का संकेत है.
• पहले भांग या मारिजुआना की उत्पत्ति मध्य और दक्षिण एशिया हुआ करती थी.
• नशीले पदार्थों के उपयोग के कारण होने वाली बीमारी के सबसे बड़े बोझ के लिए ओपियोइड्स का खाता जारी है.
• 2010 से 2019 के बीच नशीली दवाओं का उपयोग करने वालों की संख्या में 22% की वृद्धि हुई है.
• भांग में प्रमुख रूप से 9-THC पाया जाता है जो कि लंबे समय में मानसिक स्वास्थ्य विकारों के विकास के लिए जिम्मेदार होता है.
• एशिया में, चीन और भारत मुख्य रूप से 2011-2020 के दौरान विश्लेषण किए गए 19 प्रमुख डार्कनेट बाजारों में बेची जाने वाली दवाओं के शिपमेंट से जुड़े हुए हैं.
• इंटरनेट और ऑनलाइन बिक्री ने दवाओं के बाजार को पहले से कहीं ज्यादा आसान बना दिया है.डार्क वेब पर ड्रग्स का बाजार सालाना 315 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया है.
• महामारी के कारण दुनिया भर में 100 मिलियन से अधिक लोग अत्यधिक गरीबी में गिर गए हैं और 2020 में लगभग 255 मिलियन नौकरियां चली गई हैं.
नशामुक्ति दिवस पर आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन किया। हमलोग बिहार में शराबबंदी को सख्ती से लागू करा रहे हैं। सतत् जीविकोपार्जन योजना के तहत शराब के धंधे से जुड़े लोगों को दूसरा काम शुरू करने के लिए सहायता दी जा रही है.काफी संख्या में लोगों ने इसका लाभ उठाया है.शराबबंदी के प्रति लोगोंका जागरूक होना जरूरी है.समाज सुधार अभियान निरंतर जारी रखना है.राज्य भी आगे बढ़ेगा और सबकी तरक्की होगी। नीतीश सरकार की लखपति स्कीम है.शराब की होम डिलीवरी करने या ताड़ी बेचने वाले अगर ये काम करना छोड़ दें.तो बिहार सरकार उन्हें 1 लाख रुपये रोजगार करने के लिए देगी. बस ये समझ नहीं आया कि अगर कोई सामने से आकर कहेगा कि, हम शराब होम डिलीवरी करते हैं तो वो पहले गिरफ्तार होगा या 1 लाख रुपये कमाएगा? अभिमंयु कहते है कि जमकर मुसहरी में शराब उत्पादन व बिक्री हो रहा है?यह पुरस्कार पर ही प्रश्नचिन्ह है?गंगा व सोन किनारे जमकर शराब बिक रहा है.मुसहरी तो शराब उत्पादन व बिक्री का हब बना हुआहै.कुटीर उद्योग की तरह फल फूल रहा है.आखिर पुरस्कार देने का क्या मापदण्ड है ?समझ से परे?यही वजह है कि बिहार बर्बाद हो रहा है? मुसहरी ही नहीं साहब ! विदेशी शराब चप्पे चप्पे पर बिक रहा है.एक रिंग करने से बेहिसाब विदेशी शराब चरण पर आ जाएगी.शराब के असली धंधेबाजों को पकड़िये,मुसहरी में पुलिस जाकर बेजुबान मुसहरों को पकड़ जेल भेजकर खानापूर्ति करते रहते है.दीघा मुसहरी में रहने वाले विफन मांझी रद्दी कागज चुनता है.उसे दीघा थाना पुलिस शराब व्यापारी बनाकर जेल भेज दी.वह एक बार नहीं दो बार व्यापारी बनाया जा चुका है.इस समय आदर्श कारा बेऊर में है.
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