- उप विकास आयुक्त, श्रम अधीक्षक और पुलिस उपाधीक्षक से बच्चों ने की खुलकर चर्चा, सभी ने उनके सुझावों को सराहा।
- बाल दरबार एक ज़रूरी पहल, बच्चों की मांगों पर होगी कार्रवाई:उप विकास आयुक्त
मधुबनी, श्रम अधीक्षक तथा पुलिस अधीक्षक कार्यालय में बच्चों के ५ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने उप विकास आयुक्त और श्रम अधीक्षक,पुलिस उप अधीक्षक से भेंट की. बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग एवं यूनिसेफ़ द्वारा राष्ट्रीय बाल दिवस – 14 नवंबर से लेकर विश्व बाल दिवस – 20 नवंबर तक चलने वाले बाल अधिकार सप्ताह (Child Rights Week) के दौरान बाल दरबार आयोजन के तहत यह मुलाक़ात हुई. मुलाक़ात के दौरान बच्चों एवं किशोर-किशोरियों ने विगत २०/११/२०२२ को ज़िला बाल संरक्षण इकाई और सहयोगी संस्था प्रथम के सहयोग से आयोजित बाल दरबार में अपनी समस्याओं, मुद्दों व अधिकारों को लेकर तैयार किए गए चार्टर ऑफ़ डिमांड्स और सुझाव सौंपे. उप विकास आयुक्त विशाल राज और श्रम अधीक्षक राकेश रंजन ने राज्य सरकार एवं यूनिसेफ़ की इस अनूठी पहल की सराहना करते हुए कहा कि सोपे हुवे डिमांड से बच्चो से मिले सुझाव पर योग्य कारवाई होगी एवं इस तरह का मंच हर समय बच्चो में दिया जाये। उप विकास आयुक्त ,श्रम अधीक्षक ,पुलिस उप अधीक्षक से मिलकर और उनसे बातचीत कर बच्चे-बच्चियां काफी उत्साहित थे जिसमे खुशबु कुमारी ,काजल कुमारी ,ज्योति कुमारी ,संगीता कुमारी और रितु राज शामिल थे। श्रम अधीक्षक राकेश रंजन ने कहा की जनता दरबार की तर्ज़ पर शुरू किए गए इस पहल के ज़रिए बच्चों को एक प्रभावी मंच मुहैया करवाया जा रहा है जहां वे अपने मुद्दों, समस्याओं और सरोकारों के बारे में आपस में खुलकर चर्चा कर सकें. इसी कड़ी में उन्हें ज़िलास्तरीय जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से खुलकर संवाद करने का भी मौक़ा मिलेगा. संवाद के दौरान मिले बच्चों के सुझावों के आधार पर तैयार किए गए चार्टर ऑफ़ डिमांड्स को बच्चों के प्रतिनिधिमंडल द्वारा ज़िला एवं राज्य स्तर पर संबद्ध अधिकारियों व नीतिनिर्धारकों को सौंपा जाये. इस पहल में संस्था के जिला समन्वयक अशोक मोहिते और स्वयंसेवक उमेश मंडल उपस्थित थे।
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