पुरनहिया, शिवहर, जन सुराज पदयात्रा के 78वें दिन की शुरुआत पुरनहिया प्रखंड के कोल्हूआ ठिकहा पंचायत स्थित पदयात्रा शिविर में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। इसके बाद प्रशांत किशोर सैकड़ों पदयात्रियों के साथ एस.एस हाई स्कूल से निकल कर बराही जगदीश, अदौरी, बखार चण्डिहा, बसंत जगजीवन, बसंतपट्टी से वापस कोल्हूआ ठिकहा पंचायत के एस एस स्कूल स्कूल में रात्रि विश्राम के लिए पहुंचें। प्रशांत अबतक पदयात्रा के माध्यम से लगभग 850 किमी से अधिक पैदल चल चुके हैं। इसमें 550 किमी से अधिक पश्चिम चंपारण में पदयात्रा हुई और पूर्वी चंपारण में अबतक 300 किमी से अधिक पैदल चल चुके हैं। शिवहर जिले में आज पदयात्रा का तीसरा दिन है। वे लगभग 8 से 10 दिन रुकेंगे और अलग अलग गांवों-प्रखंडों में जाएंगे। दिन भर के पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर 5 सभाओं को संबोधित किया और 6 पंचायत, 10 गांव से गुजरते हुए 19 किमी की पदयात्रा तय किये। इसके साथ ही प्रशांत किशोर ने स्थानीय लोगों के साथ संवाद स्थापित किया।
नीतीश कुमार ने बिहार में शराब माफियाओं को पैदा किया है
शिवहर के बराही मोहन गांव में शराबबंदी पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि शराब की दुकान बंद हो गई और होम डिलीवरी चालू है। आज 100 रुपये का शराब 400 रुपये में आपको घर बैठे मिल जाएगा। शराबबंदी जो कागज में लागू है, उसके बंद होने से 20 हजार करोड़ रुपये का नुकसान बिहार का हो रहा है। इतना पैसा उन शराब माफियाओं के पास जा रहा है जिन्हें नीतीश कुमार ने पैदा किया है। इन सब पैसों को पुलिस वाले भी लूट कर घर ले जा रहे हैं। जहरीली शराब से हुए मौत पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि आज अकारण 70 से 80 लोग जो मरे हैं, उसमें नीतीश कुमार दुख भी जाहिर नहीं कर रहे हैं। पूरी दुनिया में कोई नेता इतना हिम्मत नहीं कर सकता है कि इतने लोगों की मौत हो जाए और राज्य का मुख्यमंत्री हंस कर कहे कि "जो पियेगा वो मरेगा"। ऐसी असंवेदनशीलता यह दिखाती है कि नीतीश कुमार को जनता का डर खत्म हो गया है।
बिहार के हर पंचायत के विकास की योजना देश-विदेश के विशेषज्ञ मिलकर बना रहे हैं
स्वरोजगार पर बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के हर पंचायत की योजना देश-विदेश के विशेषज्ञ मिलकर बना रहे हैं। हर पंचायत में पांच सौ से हज़ार लोगों को रोजगार कैसे मिले इसपर काम किया जा रहा है, अगर किसी पंचायत में मछली-पालन हो सकता है तो वहाँ मछली पालन करवाया जाएगा। वैसे ही सब्जी, पशुपालन और भी कई चीजें हैं, जिसे रोजगार के माध्यम से जोड़ा जा सकता है उसे किया जाएगा। हर योजना को पंचायत के अनुरूप विशेषज्ञों के देख-रेख में बनाया जाएगा। पदयात्रा समाप्त होने के 3 महीने के भीतर अगले 10 साल की जन सुराज की योजना जनता के सामने रखी जाएगी। अगर जनता को यह योजना समझ में आई तो ठीक वरना आप इस योजना को गटर में डाल सकते हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें