- जिला विकास समन्वय समिति की बैठक में डीएम ने दिए कई निर्देश। कार्य दक्षता में वृद्धि को लेकर प्रखंडो के नाजिर का एक दिवसीय प्रशिक्षण करवाने का दिया निर्देश।
- अतिक्रमित सार्वजनिक जल संरचनाओं को अविलम्ब अतिक्रमण मुक्त करवाने एवं जीर्णोद्धार कार्य पूर्ण करवाने का दिया निर्देश। सीपी ग्राम में लंबित मामलों को अविलम्ब निष्पादन का दिया निर्देश।
जिलाधिकारी ने हर घर नल का जल योजना के अंतर्गत जल आपूर्ति की समीक्षा भी की और उपस्थित सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों से बारी बारी पूछा कि गत बैठक के उपरांत कितने वार्डों में नल जल योजना का कार्य आरंभ करवाया गया है। कार्य अपूर्ण रखते हुए, कितने वार्ड सदस्यों द्वारा राशि गबन कर ली गई और इसके परिणाम स्वरूप कितने वार्ड सदस्यों पर नीलाम पत्र वाद दायर किया गया है। उन्होंने निर्देश दिया कि सरकारी राशि उठाव कर गबन कर लेने वाले पर प्राथमिकी दर्ज की जाए। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों से इस बात की ताकीद भी की कि उनके अंतर्गत कितने वार्डों में नल जल योजना के सफल संचालन हेतु लिए जाने वाले मासिक शुल्क की वसूली की गई है! उन्होंने स्पष्ट किया कि स्वावलंबी ग्राम पंचायत राज व्यवस्था स्थापित करने के लिए ग्राम पंचायतों को जल मीनार के मेंटेनेंस और कनेक्शन में आने वाली त्रुटि को मासिक शुल्क एकत्रित कर दूर करने के प्रयास करने चाहिए। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि उनके क्षेत्र निरीक्षण के दौरान यदि आवास योजना अथवा नल जल योजना का कार्य लंबित पाया जाता है तो वे इस बात की पड़ताल करेंगे कि दोषी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है या नहीं! उन्होंने डब्लू आई एम सी के गठन को वार्डों के विकास के लिए अहम कदम बताया और अधिकारियों को इसे जल्द से जल्द गठित कर लेने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी प्रखंड कार्यालयों में कर्म पुस्तिका और आगत निर्गत पंजीयों के समुचित संधारण पर विशेष बल देते हुए कार्यालयों की कार्य संस्कृति के सुधार के निर्देश दिए। उक्त बैठक में डीडीसी विशाल राज, नगर आयुक्त अनिल चौधरी, जिला पंचायत राज पदाधिकारी, शैलेंद्र कुमार, प्रभारी पदाधिकारी, जिला विकास शाखा, आरती कुमारी, डायरेक्टर डीआरडीए, राजेश्वर प्रसाद, सहित सभी प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारी आदि उपस्थित थे।
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