- जन सुराज पदयात्रा के 74वें दिन ढाका में
जनप्रतिनिधियों के मन से हार का डर खत्म इसलिए नहीं हो रहा है बिहार का विकास
जन सुराज पदयात्रा के दौरान पूर्वी चंपारण जिले के पंडरी पंचायत में प्रशांत किशोर ने जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि बिहार में लोगों की समस्याओं का समाधान इसलिए नहीं हो रहा, क्योंकि जनप्रतिनिधियों के मन से हार का डर खत्म हो चुका है। उन्हें यह एहसास हो गया है कि बिना कुछ काम किए भी वे हर बार की तरह चुनाव जीत लेंगे। पदयात्रा का अनुभव साझा करते हुए प्रशांत किशोर ने बताया कि पदयात्रा के दौरान लोग उन्हें बता रहे हैं कि शिक्षा का कोई साधन नहीं है, हर सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार है, किसानों को खेतों को पानी नहीं मिल पा रहा है, उनके गली-सड़क की हालत खराब हैं इसके बावजूद जब आप लोग वोट देने जाते हैं तब ये सारी बातों को भुला कर जात-पात, धर्म, और लालू के जंगल राज या भाजपा को जीताने के लिए वोट करते हैं।
10-15 हजार की नौकरी के लिए बिहार के युवा जानवरों सी जिंदगी जीने को मजबूर
बिहार के युवाओं की जिंदगी पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के युवाओं की जिंदगी जानवर जैसी हो गई है। वह मात्र 10-15 हजार के रोजगार के लिए दूसरे राज्य में जाकर मजदूरी करने को लेकर मजबूर हैं। बिहार के युवा देश के अन्य राज्यों के सबसे खराब हालातों वालीं बस्तियों में रहकर अपने जीवन गुजारा करके अपना और अपने परिवार का पेट पालन रहें हैं। इस व्यवस्था पर निराशा ज़ाहिर करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा हमारे बच्चों को यहां के नेताओं ने बिहार को मजदूरों की फैक्ट्री बना कर रख दिया हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें