*सभी गरीबों का बिजली बिल माफ करने व महिना में 200 यूनिट बिजली फ्री देने।
*गांव गांव में भूमिहिनों का सर्वे कर सभी गरीबों को 5 डिसमिल बासभूमि व पक्का मकान देने।
*रहिका थाना कांड संख्या 144व145/22( ककरौल प्रकरण) से माले नेता मनीष मिश्रा एवं अन्य निर्दोषों का नाम हटाने।
* पर्चाधारियो को पर्चा बाली जमीन पर दखल कब्जा दिलाने।
*किसी गरीब को उजाड़ने से पहले उसे बसाने की नीति को लागू करने एवं गरीबों के लिए अलग से बास आबास कानून बनाने।
*प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन में लगे रोक को हटाने एवं उसे लागू करने।
*मनरेगा योजना के तहत सभी मजदूरों को बर्ष में 200 दिन रोजगार एवं 600/- रुपए दैनिक मजदूरी देने।*सभी सरकारी बिद्धालयों में बेहतर शिक्षा देने।
*सभी स्वास्थ्य एवं उप स्वास्थ्य केंद्रों को नियमित रूप से चालू करने।
*सभी तरह के सरकारी, सार्वजनिक व मठ मंदिरों के जमीन को सामंतों व दबंगों के अबैध कब्जा से मुक्त कराकर उसे गरीबों के बीच बीतरण करने।
*गरीब दलितों के पर्चा बाली जमीन, धार्मिक न्यास, मठ मंदिर एवं अन्य सरकारी व सार्वजनिक जमीनों के खरीद बिक्री में संलिप्त सामंती भूमाफियाओं को जेल में बंद करने की जोरदार मांग किया गया।
धरना प्रदर्शन स्थल पर ही रहिका के भाकपा-माले नेता मनीष मिश्रा की अध्यक्षता में एक सभा का आयोजन किया गया। सभा को भाकपा-माले के जिला सचिव सह बिहार राज्य कमिटी सदस्य ध्रुब नारायण कर्ण,खेग्रामस के जिला अध्यक्ष उत्तीम पासवान,खेग्रामस के राष्ट्रीय परिषद सदस्य सह बेनीपट्टी माले सचिव श्याम पंडित, माले नेत्री शांति सहनी, माले नेता बिशंम्भर कामत,खेग्रामस के जिला सचिव सह मधवापुर प्रखंड माले सचिव कामेश्वर राम, माले नेता सज्जन सदाय, किसान महासभा के जिला नेता अजय मिश्र, माले नेता सुनील झा, संजीव भंडारी, श्रवण राम,रामू चौधरी,सोमन पासवान, राम अशीष पासवान, बिरेंद्र पासवान, मोहम्मद ईमराना,अरहुला पासवान,पारो देवी,अंजू साह, ह्रदय कामत, शंभू साह, सहित दर्जनों नेताओं व कार्यकर्ताओं ने संबोधित किया। जबकि तीन सौ से अधिक महिला पुरुष लोगों ने भाग लिया।
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