- बिहार के सशक्त एवं समर्पित राजनेता ललित नारायण मिश्र की दूरदर्शिता एवं विकास का मॉडल बहुत ही सफल रहा- प्रति कुलपति
- कुलपति प्रोफेसर सुरेन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में पुण्यतिथि पर ललित बाबू को विश्वविद्यालय परिवार द्वारा दी गई श्रद्धांजलि
प्रति कुलपति प्रो० डॉली सिन्हा ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार के सशक्त एवं समर्पित राजनेता ललित नारायण मिश्र की दूरदर्शिता एवं विकास का मॉडल बहुत ही सफल रहा। वे बिहार के विकास के लिए सदा तत्पर और समर्पित रहे। उन्होंने रेलवे की 36 योजनाओं के साथ ही लखनऊ से फारबिसगंज तक की सड़क आदि योजनाओं को पास करवाया। खासकर उन्होंने अपनी मातृभूमि मिथिला तथा मातृभाषा मैथिली के लिए काफी काम किया था। उनकी पहल से ही मैथिली साहित्य अकादमी की भारतीय भाषा सूची में शामिल हुई, जिसका लाभ यहां के छात्रों को आज मिल रहा है। मैथिली संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा में भी एक ऐच्छिक विषय के रूप में शामिल है। आगे उन्होंने कहा कि बिहार के विकास में अपने योगदान के लिए ललित बाबू सदा याद किए जाएंगे। यह काफी दुर्भाग्य रहा कि ऐसे राजनेता की 2 जनवरी, 1975 को समस्तीपुर की एक दुर्घटना के कारण 3 जनवरी को हमने उन्हें खो दिया। यदि वे आज हमारे बीच होते तो मिथिलांचल का और भी तेजी से विकास होता। विश्वविद्यालय परिसर स्थित ललित बाबू की प्रतिमा के समक्ष आयोजित श्रद्धांजलि सभा में प्रो० ए० के० बच्चन, प्रो० शाहिद हसन, प्रो० रमेश झा, प्रो० राजेन्द्र साह, प्रो० अशोक कुमार मेहता, प्रो० विजय कुमार यादव, प्रो० दमन झा, प्रो० अजयनाथ झा, प्रो० अरुण कुमार सिंह, प्रो० शहनाज जमील, डॉ० घनश्याम महतो, डॉ० गजेन्द्र प्रसाद, डॉ० आनंद प्रकाश गुप्ता, डॉ० मुकेश कुमार निराला, डॉ० मो० ज्या हैदर, डॉ० सोनी सिंह, डॉ० संतोष कुमार, डॉ० अयाज अहमद, डॉ० मनोज कुमार, डॉ० आर० एन० चौरसिया सहित अनेक शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मी तथा छात्र- छात्राएं उपस्थित थे, जिन्होंने ललित नारायण मिश्र की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। एनएसएस समन्वयक डॉ० विनोद बैठा के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन उप कुलसचिव प्रथम डॉ० कामेश्वर पासवान ने किया।
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