- कहा - अगर लालू जी केवल यादवों का भी भला कर देते तो आज समाज के 13 प्रतिशत लोग अच्छे हो गए होते
मोतिहारी, पूर्वी चंपारण, प्रशांत किशोर ने मोतिहारी में मीडिया से बातचीत के दौरान जातीय राजनीति के सवाल पर कहा कि बिहार में समाजवाद के नाम पर गरीबी का बंटवारा हुआ है। आज बिहार में नेता जाति की भी राजनीति नहीं कर रहे हैं। वो सिर्फ अपना फायदा देख रहे हैं। बिहार के लोगों को जाति-समूहों में बांटकर राजनेताओं ने अपनी रोटी सेकने का काम किया है। जात की राजनीति आप तब कहेंगे न जब लालू अपने जात से किसी यादव लड़के को आगे बढ़ने-बढ़ाने की बात करते नजर आएं। मांझी जी, कहां कहते हैं कि मुसहर समाज के लड़के को आगे बढ़ाना है? ये तो अपने और अपने परिवार के लोगों और घर के लड़को को आगे बढ़ाने की बात करते हैं। अगर जातियों की भी राजनीति हुई होती तो आज यादव समाज के लोग धनी हो गए होते। कम से कम 13 प्रतिशत बिहार के लोग अच्छे हो गए होते। बिहार के नेता जाती का इस्तेमाल कर रहे हैं, अपने परिवार और स्वार्थ की राजनीति को मजबूत करने के लिए।
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