संग्रामपुर, पूर्वी चंपारण, जन सुराज पदयात्रा शिविर में मीडिया से संवाद के दौरान प्रशांत किशोर ने बिहार में पत्रकारों के हालात पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, "आज बिहार में पत्रकार सबका दुख-दर्द लिकते हैं अपना दुख दर्द छोड़ के। पत्रकारों के लिए जो व्यवस्था दूसरे राज्यों में है वो बिहार में नहीं है। जैसे अगर किसी पत्रकार को लोन लेना हो तो बैंकों में आपके लिए सुविधा नहीं है। अगर मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए सरकार खुद गारंटर बन जाए तो पत्रकारों को बहुत सुविधा मिल जायेगी। दूसरा, सरकार चाहे तो पत्रकारों और उनके परिवार को बीमा दे सकती है ताकि चिकित्सा से जुड़े भार पत्रकार के सिर से कम हो जाए।" उन्होंने आगे कहा कि ऐक्सिस टु क्रेडिट जो पत्रकारों के पहुंच से बाहर है उसे दिया जा सकता है। इससे आपको रोजी-रोजगार करने के लिए सहूलियत होगी। इससे आप अपना यूट्यूब चैनल, अखबार और कई तरह की चीजों की शुरुआत कर सकते हैं। ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस तो पत्रकारों को देना ही चाहिए, इससे उनको और उनके परिवार को एक सपोर्ट मिल जाएगा।
शुक्रवार, 13 जनवरी 2023
बिहार : पत्रकार पूरे बिहार का दुख-दर्द लिखते हैं, लेकिन अपना दर्द बयां नहीं कर पाते
Tags
# बिहार
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
बिहार
Labels:
बिहार
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें