नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने आरक्षण के लिए ज़रूरी अध्ययन किये बिना चुनाव कराए हैं. सुप्रीम कोर्ट पहले ही 28 अक्टूबर को अति पिछड़ा वर्ग के राजनीतिक पिछड़ेपन को निर्धारित करने के बनाये डेडिकेटेड कमीशन के काम पर रोक लगा चुका है. ऐसे में उसी कमीशन की रिपोर्ट को आधार बनाकर चुनाव आयोग का नोटिफिकेशन जारी करना अदालत की अवमानना है। सुप्रीम कोर्ट में बिहार में ओबीसी आरक्षण के साथ स्थानीय और नगर निकाय चुनाव के मामले की सुनवाई दो हफ्ते तक टल गई है. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेके माहेश्वरी की पीठ के समक्ष सुनवाई दो हफ्ते के लिए टाल दी गई है. बताया जा रहा है कि मामले में बिहार सरकार ने जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय मांगा है. जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट अब दो हफ्ते बाद मामले की सुनवाई कर सकती है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने आरक्षण के लिए ज़रूरी अध्ययन किये बिना चुनाव कराए हैं. सुप्रीम कोर्ट पहले ही 28 अक्टूबर को अति पिछड़ा वर्ग के राजनीतिक पिछड़ेपन को निर्धारित करने के बनाये डेडिकेटेड कमीशन के काम पर रोक लगा चुका है. ऐसे में उसी कमीशन की रिपोर्ट को आधार बनाकर चुनाव आयोग का नोटिफिकेशन जारी करना अदालत की अवमानना है.
शुक्रवार, 20 जनवरी 2023
सुप्रीम कोर्ट में बिहार नगर निकाय चुनाव में OBC आरक्षण पर दो हफ्ते के लिए सुनवाई टली
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