बिहार : मतदाताओं के बीच मैथिली करेंगी जागरूकता फैलाने का काम - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

सोमवार, 2 जनवरी 2023

बिहार : मतदाताओं के बीच मैथिली करेंगी जागरूकता फैलाने का काम

maithili-thakur-ec-brand-ambassdor
पटना. चुनाव आयोग (ईसी) ने सोमवार को लोक गायिका मैथिली ठाकुर को बिहार का ‘स्टेट आइकन’ नियुक्त किया. भारतीय शास्त्रीय और लोक संगीत में प्रशिक्षित मैथिली ठाकुर को हाल ही में 2021 के लिए बिहार के लोक संगीत में उनके योगदान के लिए संगीत नाटक अकादमी के उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार के लिए चुना गया था. चुनाव आयोग द्वारा बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि लोक गायिका मैथिली ठाकुर को बिहार के ‘स्टेट आइकॉन’ के रूप में नियुक्त करने के प्रस्ताव को उसने मंजूरी दे दी है. मैथिली ठाकुर आज किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं.उनका जन्म 25 जुलाई 2000 को मधुबनी के बेनीपट्टी में हुआ.मैथिली बचपन से ही संगीत के वातावरण में पली और बड़ी हुईं.यही वजह है कि उनका लोक गीत को लेकर इंटरेस्ट जगा.मैथिली के पिता का नाम रमेश ठाकुर है, जो संगीत सिखाते हैं. इनकी मां का नाम पूजा ठाकुर है.इनके परिवार में मैथिली के अलावा बड़े भाई रिषभ ठाकुर और छोटे भाई अयाची भी हैं.मैथिली को हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के अलावा मैथिली को लोक संगीत का प्रशिक्षण उनके पिता और दादा से मिला है.  इस समय की खबर है कि निर्वाचन आयोग ने बिहार में मतदाता जागरुकता के लिए संचालित की जाने वाली स्वीप गतिविधियों के लिए लोक गायिका मैथिली ठाकुर को राज्यस्तरीय स्वीप आइकॉन बना दिया गया है.राज्य में विभिन्न चुनावों के दौरान मतदाताओं को जागरूक करने के मकसद से मैथिली ठाकुर जागरूकता फैलाएंगी. मैथिली ठाकुर बिहार की एक चर्चित लोक गायिका हैं.वह बिहार में विभिन्न जन जागरुकता अभियानों के ब्रांड एम्बेसडर के रूप में पहले भी रह चुकी हैं, लेकिन इस बार उन्हें एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गयी है. इससे पहले 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले मैथिली को मधुबनी जिले का ब्रांड एम्बेसडर बनाया गया था.निर्वाचन आयोग की ओर से आइकॉन बनाये जाने की जानकारी मिलने के बाद मैथिली ठाकुर ने कहा कि मेरे लिये ये अत्यंत हर्ष का विषय है.मैं हमेशा अपना योगदान देने की कोशिश करते रहूंगी.आप सबका आशीर्वाद बना रहे.


उल्लेखनीय है कि पिछले एक साल में बहुत कम समय में ही मैथिली ठाकुर ने तरह-तरह के लोकगीत गाकर लोगों के बीच अपनी पहचान बनायी है. किशोरवस्था से ही मैथिली ठाकुर बिहार की अलग-अलग भाषाओं मसलन भोजपुरी, मैथिली, मगही आदि में गीत और भजन आदि गाकर काफी प्रसिद्ध हुई हैं. बता दें कि इससे पहले बिहार की बेहद लोकप्रिय युवा लोक गायिका मैथिली ठाकुर को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई थी .बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड ने उन्हें ब्रांड एंबेसडर बनाया. मैथिली, बिहार के खादी, हस्तशिल्प और हथकरघा प्रोडक्ट्स का प्रमोशन करती हैं. मैथिली ठाकुर को हाल में संगीत नाटक अकादमी के प्रतिष्ठित ‘उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार’ के लिए भी चुना गया है. वर्तमान समय अगस्त 2022 में बिहार के उधोग मंत्री समीर कुमार महासेठ है. ये राष्ट्रीय जनता दल के सदस्य है, इनका जन्म 8 जनवरी 1958 में हुआ है. बिहार के उद्योग मंत्री समीर महासेठ ने पटना में आयोजित एक समारोह में इस संबंध में ठाकुर को पत्र सौंपते हुए बधाई दी. मैथिली ठाकुर ने कहा कि मुझे Election Commision Of India की ओर से बिहार राज्य का नया आईकॉन बनाया गया.मेरे लिये ये अत्यंत हर्ष का विषय है.मैं हमेशा अपना योगदान देने की कोशिश करते रहूँगी.आप सबका आशीर्वाद बना रहे.


उपलब्धियां

मधुबनी जिले के 47 वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में यह घोषणा की गई थी. 2018 में मैथिली ठाकुर के नाम यह उपलब्धि जुड़ी थी. 

भारतीय शास्त्रीय और लोक संगीत में प्रशिक्षित ठाकुर को हाल ही में 2021 के लिए बिहार के लोक संगीत में उनके योगदान के लिए संगीत नाटक अकादमी के उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार के लिए भी चुना गया था.     

वहीं 2022 में मैथिली ठाकुर को उद्योग विभाग ने बिहार के खादी, हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों के बढ़ावा देने के लिए ब्रांड एम्बेसडर बनाया. अब मैथिली के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है. 

2024 में होनेवाले लोकसभा चुनाव से पहले मतदाताओं के बीच मैथिली जागरूकता फैलाने का काम करेंगी.

कोई टिप्पणी नहीं: