पटना. पटना महानगर जिला कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष शशि रंजन ने आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि 25 फरवरी को गृह मंत्री अमित शाह जी पटना आ रहे हैं. हम बिहारियों को उनसे सवाल करना चाहिए कि 3 A अडाणी, अम्बानी और अहमदाबाद- आखिर यह रिश्ता क्या कहलाता है? उन्होंने कहा कि टाटा, बिरला और डालमिया ये भी तो भारत के नामचीन उद्योगपति हैं, लेकिन मोदी सरकार सिर्फ अम्बानी, अडानी की ही सेवा करती रही है ताकि स्वतंत्र रूप से खुलकर भ्रष्टाचार कर सके और जो उन्होंने किया. उन्हें रिश्ता नहीं व्यापार ईमानदारी के साथ करना था. मोदी जी ने वादा किया किया था कि देशवासियों के खाते में पैसे डालेंगे , काला धन वापस लाएंगे कहीं हमलोग उल्टा तो नहीं समझ बैठे.....देशवासियों के खाते एस.बी.आई को लुटा देंगे. उन्होंने कहा कि क्या देशवासियों को इतना भी अधिकार नहीं है कि वो जान जाएँ कि उनकी बर्बादी में पीछे बैठा इंसान का सही चरित्र क्या है ? वित्तमंत्री साहिबा से उम्मीद करें तो ऐसा जवाब देती है कि रेगुलर काम कर रहा है. मतलब क्या ये प्लान तो नहीं किया है कि सारा ठीकरा रेगुलेटर पर फोड़ देना है. रेगुलेटर अब क्यों जाग रहे, उस वक्त क्यों सो रहे थे घ् 2012 में एस.एफ.आई.यू0 अडानी के खिलाफ चार्जशीट दायर किया था, अदानी सहित 12 लोगों पर शेयर के मामले पर जांच की बात की गयी थी. वर्ष 2012 में यू0पी0ए0 सरकार के पर्यावरण विभाग के द्वारा अदानी पोटस के खिलाफ 200 करोड़ का आर्थिक दंड दिया गया था,जिसे भाजपा सरकार ने बिना कोई फाईन किये जुर्माना माफ कर दिया. 16 जनवरी, 2020 को सी.बी.आई. ने अपराधिक मुकदमा कोयले के आपूर्ति के संदर्भ में आन्ध्र प्रदेश पावर जनरेशन कॉरपोरेशन मामले में अदानी पर जांच की थी जिसकी आज तक कोई सूचना प्राप्त नहीं है. कहा था सेबी जब इसे शेयर रात-दिन बेहिसाब ऊपर की ओर भाग रहा था, एक बार भी इन्वेस्टीगेशन करना जरूरी नहीं समझा ? सेबी का प्रमुख उद्देश्य भारतीय स्टॉक निवेशकों के हितों का उत्तम संरक्षण प्रदान करना और प्रतिभूति बाजार के विकास तथा नियमन को परिवर्तित करना है. मेहनत की कमाई से बेचारा स्मॉल इन्वेस्ट /ट्रेडर लूट चुका है,क्या जवाब है सेबी के पास? एल.आई.सी. कितनों की जिन्दगी का भरोसा देता है और शायद खुद की जिन्दगी का भरोसा नहीं? एक आदमी छोटा सा गुनाह कर दे तो बेल लेने में इतनी कंडीशन होती मगर इतना गुनाह कर लेने के बाद भी भारत सरकार का अडाणी पर भरोसा क्या कहते हैं इसकी और भी उपलब्धियां हैं जिस पर काफी भरोसा किया गया. 2002 अडाणी को दिल्ली पुलिस ने नान वेलेवल वारंट इशू किया था. ए.सी.सी सीमेंट ,अम्बुजा सीमेंट का अदानी द्वारा टेकओवर तो महज एक शुरुआत है. आगे भी सिमेंट कम्पनी का टेकओवर हो सकता है. कम्पटीशन कमीशन ऑफ इंडिया को ध्यान देना होगा कि कंस्टेशन ऑफ इकोनॉमिक पावर एक हाथ में बहुत खतरनाक है आने वाले समय में सीमेंट सेक्टर में अडानी की मोनोपॉली हो जाए तो इसमें भारत सरकार को आश्चर्य नहीं करना चाहिए. इस अवसर पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पटना महानगर जिला कांग्रेस के प्रभारी सुबोध कुमार,आई.टी.सेल के चेयरमैन सौरभ सिन्हा, प्रवक्ता निशांत करपटने, कोषाध्यक्ष राजीव मेहता, महासचिव जावेद इकबाल, सचिव पवन कुमार केसरी,रवि कुमार उपस्थित थे.
गुरुवार, 23 फ़रवरी 2023
बिहार : 3 A अडाणी, अम्बानी और अहमदाबाद, यह रिश्ता क्या कहलाता है?
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