- जन सुराज पदयात्रा: 143वां दिन, बोले - शाम 4 बजे के बाद कोई लूटपाट न कर ले, इसी डर से लोग लालू को वोट न देकर मजबूरी में बीजेपी को वोट दे रहे
शाम 4 बजे के बाद कोई लूटपाट न कर ले, इस डर से लोग लालू यादव को वोट न देकर मजबूरी में BJP को वोट दे रहे
जन सुराज पदयात्रा के दौरान सिवान के इंग्लिश पंचायत में एक आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार की जनता को वोट के समय बस चार बातों का ही ध्यान रहता है, जाति-धर्म, हिन्दू-मुस्लिम, भारत-पाकिस्तान और पुलवामा। बिहार की जनता को अपने बच्चों का दुख दिखाई भी देता है तो वो उस दुख को भूल जाते हैं और अंततः कमल का बटन दबा देते हैं। कुछ लोग लालू जी के जंगलराज से डर कर भाजपा को वोट दे देते हैं, क्योंकि अपराध वाले जंगलराज के समय घर में घुस कर अपराधी गोली मार कर, अपहरण कर चले जाते थे। 4 बजे शाम में कोई लूटपाट न कर ले इस डर से लोग घर छोड़ कर भाग जाते थे। इसी डर से लोग लालू यादव के RJD को वोट न देकर मजबूरी में BJP को वोट दे रहे हैं। अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का कहना है कि जिंदा रहे या ना रहे भाजपा को तो वोट नहीं कर सकते क्योंकि भाजपा मुस्लिम विरोधी पार्टी है। आज बिहार में बस दो ही दलों का राज है, मोदी जी की भाजपा और लालू जी का लालटेन। नीतीश कुमार का तो कोई दल ही नहीं बचा, कभी लालटेन पकड़ कर लटक रहे है, तो कभी कमल के फूल पर बैठ कर तैर रहे हैं।
जन सुराज पदयात्रा जनता का राज लाने का अभियान है, इसलिए सब लोग मिलकर इसमें कंधा लगाइए
जन सुराज पदयात्रा के दौरान सिवान में एक आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि हमारा कोई दल नहीं है, क्योंकि बिहार की राजनीति में व्यवस्था है कि जो दल बनाता है वो दल का नेता हो जाता है, उसके बाद उसका बेटा दल का नेता बन जाता है। ये व्यवस्था दल बनाने का नहीं है, ये परिवार का शासन है। दल बनाने का रास्ता गांधी जी ने दिखाया था, गांधी जी ने दल बना कर वोट नहीं मांगी लेकिन गांधी जी ने देश को आजाद करवाया था। उस समय गांधी जी आगे-आगे चले और पीछे से पूरा समाज उनके साथ चला, तब देश आजाद हुआ। अगर बिहार को बेरोजगारी, गरीबी और भ्रष्टाचार से मुक्त करवाना है, तो बिहार के हर व्यक्ति को अपना कंधा लगाना पड़ेगा और संकल्प लेना पड़ेगा कि हिन्दू-मुस्लिम, भारत-पाकिस्तान, 5 किलो अनाज पर वोट नहीं देंगे। इस बार वोट उसी को देंगे जो रोजगार देगा, जो हमारी गरीबी दूर करेगा तब जाकर बिहार सुधरेगा। प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज पदयात्रा के दौरान जो सही लोग मिलेंगे, जिन्हें लगेगा कि बिहार के सुधार के लिए कुछ किया जा सकता है। वैसे सभी लोग पदयात्रा के बाद एक साथ बैठेंगे और सब मिलकर तय करेंगे कि दल बनाना है या नहीं। यदि दल बनता है तो वो दल प्रशांत किशोर का नहीं होगा, वो दल होगा उन सभी लोगों का जो इस प्रक्रिया में शामिल होंगे। इस यात्रा का नाम है जन सुराज यानी जनता का सुंदर राज, हमने सब का राज देख लिया है, लेकिन इस बार जनता का राज बनाना है।
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