पिछले 10 सालों में जिस भी नेता का हाथ पकड़ा है वो जीता है, अब बिहार की जनता का हाथ पकड़ना है
जन सुराज पदयात्रा के दौरान सिवान के रघुनाथपुर प्रखंड में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि लोकतंत्र में जनबल के आगे कोई बल नहीं है। एक बार अगर आप यह संकल्प ले लें कि आप जाति-धर्म, 5 किलो अनाज, नाली-गली पर वोट ना दे कर अपने बच्चों की शिक्षा और रोजगार के लिए वोट करें तो आपके सामने कोई दल या समीकरण टिकने वाला नहीं है। आगे उन्होंने कहा कि अगर आप लोग मुझे जानते हैं तो ये जरूर जानते होंगे की मुझे कुछ आता हो या ना आता हो, चुनाव लड़ाना जरूर आता है। पिछले 10 सालों में मैंने जिस भी नेता का हाथ पकड़ा है, वो चुनाव नहीं हारा है। इस बार मैंने यह संकल्प लिया है कि किसी भी नेता या दल का नहीं बल्कि बिहार की जनता का हाथ थामना है। जिसे भी समाज अपने बीच से चुनकर निकालेगा, चाहे वो गरीब हो, अमीर हो या किसी भी जाति, समुदाय का हो, उसी के पीछे जन सुराज अपनी बुद्धि, शक्ति, पैसा और ताकत लगाएगी और सभी के समर्थन और आशीर्वाद से उसे जीता कर लाएगी। तभी जनता की सरकार बन सकती है।
बिहार को नाली-गली और अनाज नहीं पहले रोजगार चाहिए, अनाज तो लोग खुद खरीद लेंगे
जन सुराज पदयात्रा के दौरान सिवान में एक आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर जनता की सरकार बनी तो उसका पहला लक्ष्य यह होगा की जीतने भी लड़के बाहर मजदूरी करने गए हैं, या पढ़-लिखकर यहां बेरोजगार बैठे हैं, सभी लड़कों को उनके पंचायत और उनके राज्य में ही 10 से 15 हजार का रोजगार दिया जाएगा। आगे प्रशांत किशोर ने जनता से पूछते हुए कहा कि उन्हें 5 किलो अनाज और रोजगार में से चुनना होगा की उन्हें क्या चाहिए। अगर उन्हे शिक्षा और रोजगार चाहिए तो उन्हें यह संकल्प लेना होगा कि अगली बार वोट इन्हीं मुद्दों पर पड़नी चाहिए। अगर ये दो मुद्दे रहे तो ज़िंदगी सुधर जाएगी। नाली-गली तो बनती रहेगी और अगर रोजगार रहा तो जनता अनाज खुद खरीद लेगी। यह प्रयास सभी को साथ में मिलकर करना होगा।
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