---- वीरेंद्र यादव न्यूज ----
नालंदा जिले के अस्थावां से विधायक हैं जितेंद्र कुमार। फरवरी, 2005 से लगातार इसी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। वे बिस्कोमान के डायरेक्टर भी हैं। हाल ही में फिर से नालंदा जिला सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं। फरवरी महीने में हुए चुनाव में उन्होंने 263 वोटों में से 152 वोट हासिल कर जीत दर्ज की। अपनी राजनीतिक यात्रा की चर्चा करते हुए जितेंद्र कुमार ने कहा कि पहली बार 2000 में बिंद प्रखंड की पुतरथु पंचायत के लिए पैक्स अध्यक्ष चुने गये। इसके बाद 2003 में नालंदा जिला सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष निर्वाचित हुए। इस पद पर वे लगातार 2017 तक रहे। इसके बाद फिर 2023 में इस पद के लिए निर्वाचित हुए। 2005 में वे पहली बार विधायक निर्वाचित हुए। वे कहते हैं कि उनकी राजनीति का मुख्य आधार सहकारिता ही है और सहकारिता के क्षेत्र में राजनीति की शुरुआत कर आगे बढ़ते रहे। सहकारिता के कारण गांव-गांव तक लोगों से संपर्क हुआ। किसानों और व्यापारियों से लगातार संपर्क के कारण आधार विस्तार में मदद मिली। बिहार में सहकारिता आंदोलन के संबंध में वे कहते हैं कि यहां सहकारिता से जुड़ी संस्थाएं काफी मजबूत हैं। कई बड़ी संस्थाएं प्रभावी ढंग से कार्य कर रही हैं। सहकारिता की प्रांरभिक इकाई पैक्स और बाजार समिति हैं। पैक्स मजबूत होंगे तो कोऑपरेटिव भी मजबूत होंगे। जितेंद्र कुमार बिस्कोमान और भूमि विकास बैंक के बोर्ड आफ डायरेक्टर के सदस्य हैं। इसके अलावा कृभको में राज्य प्रतिनिधि भी हैं।वे कहते हैं कि अंतराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित सहकारिता सम्मेमलन में प्रतिनिधितव कर चुके हैं और इस सिलसिले में चीन, जर्मनी, नीदरलैंड, प्राग, हॉगकॉग आदि देशों की यात्रा कर चुके हैं। वे कहते हैं कि यूरोपीय देशों में सभी सेक्टर में कोऑपरेटिव के माध्यम से काम होता है, जबकि भारत में कृषि और कृषि आधारित सेक्टरों में ही मुख्य रूप से सहकारिता आंदोलन की सक्रियता है। उनका मानना है कि राज्य सरकार को सहकारिता को मजबूत करने के लिए और नयी पहल भी की जानी चाहिए, ताकि विकास कार्यों में आमलोगों की सहभागिता बढ़ायी जा सके।
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