इस संबंध में डॉ. अहमद दीन कहते हैं कि अवसाद एक विशिष्ट स्थिति का नाम है जिसमें रोगी स्वयं को अकेला, दुखी और असफल समझने लगता है. ऐसी घटनाएं जो उसके मन मस्तिष्क में नकारात्मक पक्ष को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करती हैं और ऐसी स्थिति में यदि रोगी को परिवार या दोस्तों का पर्याप्त सहयोग न मिले और समय पर उपचार पर ध्यान न दिया जाए तो रोगी की मानसिक स्थिति बिगड़ने लगती है. जो उनकी सोशल और प्रोफेशनल लाइफ के लिए घातक साबित होती है. डॉ दीन सलाह देते हैं कि यदि आपकी दिनचर्या प्रभावित होती है तो आपको इसके निदान के लिए किसी पेशेवर की मदद लेनी चाहिए. यह पेशेवर आपका सामान्य चिकित्सक या मनोरोग विशेषज्ञ भी हो सकता है. उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में भी इसका प्रभावी और मुफ्त इलाज उपलब्ध है. वह कहते हैं कि युवा पीढ़ी विशेषकर किशोरियों में इसके लक्षण गंभीर चिंता के विषय हैं क्योंकि ग्रामीण समाज इस रोग के प्रति बहुत अधिक जागरूक नहीं है. ऐसे में वह इस तरह के मरीज़ों को लोग पागल समझने की भूल करता है. कई बार घर के अंदर ही लड़कियों की तुलना में लड़कों को प्राथमिकता देने और उन्हें सभी अवसर प्रदान करने के कारण भी ग्रामीण किशोरियां डिप्रेशन का शिकार हो जाती हैं.
रेहाना कौसर ऋषि
पुंछ, जम्मू
(चरखा फीचर)
यह आलेख संजॉय घोष मीडिया अवार्ड 2022 के तहत लिखा गया है.
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