- नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री ईश्वर पोखरेल सहित सीपीएम-सीपीआई व अन्य वाम दलों के नेताओं का संबोधन
पटना, भाकपा-माले के 11 वें महाधिवेशन के खुले सत्र में देश-विदेश के वामपंथी नेताओं का जुटान हुआ. नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री व नेकपा (एमाले) के नेता ईश्वर पोखरेल सहित सीपीआई के का. पल्लव सेन गुप्ता, सीपीएम के का. मो. सलीम, माक्र्सवादी समन्वय समिति के का. हलधर महतो, आरएसपी के का. मनोज भट्टाचार्य, एआइएफबी के का. देवराजन, लाल निशान पार्टी के भीमराव बंसोड, आरएमपीआई के का. मंगत राम पासला और सत्यशोधक कम्युनिस्ट पार्टी के का. किशोर ढामले ने उद्घाटन सत्र को संबोधित किया. कार्यक्रम की शुरूआत पिछले पार्टी कांग्रेस से लेकर अब तक गुजर चुके पार्टी कामरेडों व अन्य तमाम आंदोलनकारियों के प्रति शोक प्रस्ताव के साथ किया गया, जिसका पाठ केंद्रीय कमिटी सदस्य का. अभिजीत मजुमदार ने किया. पार्टी के राज्य सचिव का. कुणाल ने मेहमानों व देश के विभिन्न इलाकों से आए प्रतिनिधियों व पर्यवेक्षकों का स्वागत किया. स्वागत समिति के अध्यक्ष ओपी जायसवाल ने इस अवसर पर सभी अतिथियों का स्वागत किया और कहा कि बिहार की धरती सदियों से असहमति व नई राह बनाने वाला समाज रहा है. भाकपा-माले का 11 वां महाधिवेशन देश में फासीवादी गिरोहों के खिलाफ मजबूत प्रतिरोध का सबब बनेगा. का. ईश्वर पोखरेल ने भाईचारे और एकता के संदेश के साथ महाधिवेशन के भव्य सफलता की कामना की. उन्होंने भारत व नेपाल के कम्युनिस्टों की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में नेपाल ने भी बड़ी भूमिका निभाई है. उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत में लोकतंत्र पर मंडराता हुआ संकट जरूर टलेगा और जो भी ताकतें तानाशाही थोपने का प्रयास करती हैं, उन्हें पीछे धकेल दिया जाता है. सीपीआई के पल्लव सेन गुप्ता ने फासीवादी खतरे, पर्यावरण असंतुलन, दलित अधिकारों को खत्म करने साजिश, न्याय तंत्र पर मंडराता खतरा आदि की चर्चा की. उन्होंने कहा कि हमें एक व्यापक एकता के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ना होगा. सीपीएम के का. सलीम ने राष्ट्रीय संपदा की लूट, मोदी राज में आधारभूत संरचनाओं को ध्वस्त करने की जारी प्रक्रिया, पब्लिक सेक्टर के प्राइवेटाइजेशन, बेरोजगारी, बुलडोजरराज, लव जिहाद, किसान आंदोलन आदि की चर्चा करते हुए लेफ्ट यूनिटी पर जोर दिया. भाकपा-माले के वरिष्ठतम नेता का. स्वदेश भट्टाचार्य ने कहा कि हमें उम्मीद है कि अगले पांच दिनों तक चलने वाला महाधिवेशन फासीवादी ताकतों के खिलाफ व्यापक विपक्ष की एकता के निर्माण की दिशा में एक बड़ा पड़ाव साबित होगा. मंच का संचालन ऐपवा की मीना तिवारी ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन का. राजाराम सिंह ने किया. इस मौके पर स्वागत समिति की ओर से प्रो. भारती एस. कुमार, गालिब, प्रो. संतोष कुमार, प्रो. विद्यार्थी विकास सहित कई लोग उपस्थित थे. सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ उद्घाटन सत्र की समाप्ति हुई.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें