मधुबनी, जिले के जयनगर प्रखंड के कोरहिया में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी कोरहिया शाखा की बैठक सोमवार को कॉमरेड कपिलदेव सिंह की अध्यक्षता में हुई। बैठक में बिहार राज्य खेत मजदूर यूनियन का 15वां जिला सम्मेलन 16 मार्च को कोरहिया में करने का फैसला लिया गया। बैठक को सीपीआई मधुबनी के जिला सचिव कॉमरेड मिथिलेश कुमार झा,राज्य परिषद सदस्य किरणेश कुमार,अंचल मंत्री रामनारायण बनरायत,शहर मंत्री श्रवण साह,सरपंच राजकुमार मुखिया,जिला परिषद सदस्य जहाँगीर,रामचन्द्र पासवान,पार्टी नेता रामाशीष राम, रामपुकार मुखिया,तेतर यादव,बिकाउ पासवान,झमेली राम,चंदेश्वर मुखिया,सुनिल कुमार,चंद्रदेव यादव,विश्वनाथ मुखिया आदि ने संबोधित किया। बैठक को संबोधित करते हुए जिला सचिव मिथिलेश कुमार झा ने कहा कि बिहार राज्य खेत मजदूर यूनियन का 15वां बिहार राज्य सम्मेलन 20 से 22 मार्च तक उमगांव में आयोजित है। इससे पहले जिला सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। पार्टी ने केंद्र की सत्ता से भाजपा नेतृत्व वाली नरेंद्र मोदी की सरकार को हटाने और केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ पूरे राज्य में 10 से 20 मार्च तक गांव-गांव में पदयात्रा निकाली जाएगी। वहीं 21 से 25 मार्च तक जीप जत्था निकाला जायेगा, जिसके माध्यम से भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों का भंडाफोड़ किया जाएगा। साथ ही पार्टी जिला मुख्यालय मधुबनी में 27 से 29 मार्च तक जन सत्याग्रह अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान की सफलता एवं अधिक से अधिक जन भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए गांव गांव जन संपर्क अभियान चलाकर आम जनता के बीच मौजूदा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ-भाजपा नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार के वास्तविक चरित्र एवं जन विरोधी संविधान विरोधी एवं राष्ट्र विरोधी नीतियों का मजबूती से भंडाफोड़ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा केन्द्र सरकार भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के गर्भ से निकला भारत के संविधान एवं लोकतांत्रिक अधिकारों का गला घोट रही है। जनता की गाढ़ी कमाई से खड़ा किया गया सार्वजनिक क्षेत्र को कौड़ी, के भाव में अपने चंद कारपोरेट मित्रों को उपहार स्वरूप दे रही है। बंदरगाहों देश के हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों, बैंको, जीवन बीमा निगम सहित तमाम नवरत्न कंपनियों एवं महानवरत्न कंपनियों अपने कॉरपोरेट मित्रों को हवाले कर रही है। योजनाबद्ध तरीके से रोजी-रोजगार के अवसर में तेजी से कटौती की जा रही है। बेरोजगारी के कारण युवा पीढ़ी में दिशाहीनता बढ़ती जा रही है, जिसे मौजूदा विभाजनकारी शक्तियाँ अपने हित में इस्तेमाल करने की फिराक में है। इस तरह रोजी रोजगार की किल्लत से पूरा भारतीय समाज बारूद की ढेर पर बैठा हुआ है। पिछले आठ वर्षों में कृषि लागत में कई गुणा बढोत्तरी हुई है। उचित मूल्य नहीं मिलने के कारण खेती-किसानी प्रभावित हो रही है। किसान आत्महत्या करने को अभिशप्त है। वहीं किसान जब अपने लिए पुन कृषि उत्पाद को खरीदते है। तो उन्हें कई गुणा अधिक कीमत पर खरीदनी पड़ती है, और उस पर कमरतोड़ महगाई जो मौजूदा केन्द्र सरकार द्वारा पोषित है, किसान सहित पूरे भारतीय समाज के सामने जीने का संकट पैदा कर दिया है।
सोमवार, 20 फ़रवरी 2023
मधुबनी : बिहार राज्य खेत मजदूर यूनियन का 15वां जिला सम्मेलन 16 मार्च को
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