Xडीआई द्वारा वर्ष 2050 के लिये किये गये भौतिक जलवायु जोखिम के तुलनात्मक अध्ययन में निम्नांकित तथ्य पाये गये हैं:
● इस विश्लेषण के मुताबिक चीन के राज्य जियांगसू, शैनडोंग, हेबी, गुआंगडोंग तथा हेनान पर क्षति का सबसे ज्यादा खतरा है। ऐसा इसलिये, क्योंकि ये सभी राज्य बड़े हैं और उनमें काफी ज्यादा औद्योगिक, कारोबारी आवासीय तथा वाणिज्यिक विकास हुआ है। साथ ही साथ वे समुद्र के जलस्तर में वृद्धि और बाढ़ के खतरों के लिहाज से भी बहुत संवेदनशील हैं।
● वर्ष 2050 में शीर्ष 50 सबसे अधिक जोखिम वाले राज्यों और प्रांतों में से आधे से अधिक चीन में हैं। मुख्य रूप से यांग्त्ज़ी और पर्ल नदियों के बाढ़ के मैदानों और डेल्टाओं वाले पूर्व और दक्षिण के विश्व स्तर पर जुड़े प्रांतों में।
● क्षति के जोखिम वाले शीर्ष 100 शहरों में अत्यधिक विकसित और विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण एशियाई आर्थिक केंद्रों में बीजिंग, जकार्ता, हो ची मिन्ह सिटी, ताइवान और मुंबई शामिल हैं।
● दक्षिण पूर्व एशिया में 1990 से 2050 तक क्षति में सबसे अधिक वृद्धि हुई है। इतनी दुनिया के और किसी भी हिस्से में नहीं हुई है।
श्री हम्देन ने कहा “हम निवेशकों की उप-संप्रभु और क्षेत्रीय जोखिम को लेकर डेटा उपलब्ध कराने की मांग पर यह विश्लेषण जारी कर रहे हैं। Xडीआई ग्रॉस क्लाइमेट रिस्क रैंकिंग के निष्कर्ष बांड बाजारों सहित वित्तीय बाजारों में भौतिक जलवायु जोखिम के मूल्य निर्धारण के महत्व को रेखांकित करते हैं। ये निष्कर्ष चिह्नित किये गये राज्यों में जोखिम वाली सम्पत्तियों लगे पूंजी निवेश, वैश्विक आपूर्ति श्रंखलाओं की जोखिमशीलता और निवेश के लिये जलवायु सततता की जरूरत को देखते हुए ऐसा करते हैं।’’ “कंपनियों, सरकारों और निवेशकों के लिए यह अहम है कि वे भौतिक जलवायु जोखिम के वित्तीय और आर्थिक निहितार्थों को समझें और इस जोखिम को अपने फैसले लेते वक्त तौलें, इससे पहले कि वे वित्तीय चरम बिंदुओं से आगे बढ़ जाएं।”
ग्रॉस डोमेस्टिक क्लाइमेट रिस्क रैंकिंग के बारे में
श्री हम्देन ने कहा, “यह भौतिक जलवायु जोखिम का अब तक का सबसे परिष्कृत वैश्विक विश्लेषण है, जो पहले कभी नहीं देखे गए पैमाने पर व्यापकता और गहराई और कणिकता (ग्रैन्युलैरिटी) प्रदान करता है। अब पहली बार वित्त उद्योग लाइक-फॉर-लाइक जैसी पद्धति का उपयोग करके सीधे मुंबई, न्यूयॉर्क और बर्लिन की तुलना कर सकता है।” Xडीआई ग्रॉस डोमेस्टिक क्लाइमेट रिस्क रैंकिंग तटवर्ती और सतह पर होने वाली बाढ़, तटीय जलप्लावन, अत्यधिक गर्मी, जंगल की आग, मिट्टी के अपरदन (सूखा से संबंधित), अत्यधिक हवा और फ्रीज थॉ रूपी आठ चरम मौसमी स्थितियों के कारण निर्मित पर्यावरण के लिये पैदा होने वाले भौतिक जोखिम का अक्स दिखाती हैं। यह रैंकिंग डेटा के एक संग्रह पर आधारित है। सम्पत्ति स्तर के पहलू को खुद में समेटे यह संग्रह एक स्थलीय दुनिया के निर्मित वातावरण का प्रतिनिधित्व करता है। इसमें 320 मिलियन डेटा बिंदुओं का प्रयोग करके नीचे से शीर्ष तक (बॉटम-अप) विश्लेषण किया गया है। वैश्विक जलवायु मॉडल, स्थानीय मौसम और पर्यावरण डेटा और इंजीनियरिंग मूलरूपों के साथ संयुक्त रूप से आईपीसीसी के रिप्रेजेंटेटिव कंसंट्रेशन पाथवे (आरसीपी) 8.5 के तहत समय के साथ खतरों से निर्मित पर्यावरण की सुविधाओं की संभावित क्षति और विफलता की गणना करते हैं। Xडीआई ग्रॉस डोमेस्टिक क्लाइमेट रिस्क डेटासेट में पेश किये गये भूस्थलों में ज्यादातर देशों के प्रथम उप-राष्ट्रीय प्रशासनिक कार्यक्षेत्र शामिल हैं।
Xडीआई के बारे में
Xडीआई (द क्रॉस डिपेंडेंसी इनीशियेटिव) की टीम को वर्ष 2006 में बनाया गया था। यह भौतिक जलवायु जोखिम एवं अनुकूलन विश्लेषण क्षेत्र में स्वतंत्र विशेषज्ञों का सबसे पुराना समूह है। Xडीआई ब्रिटेन, एशिया, यूरोप तथा उत्तरी अमेरिका में बड़े बैंकों तथा कम्पनियों के साथ काम करता है और यह वित्तीय नियामकों द्वारा जलवायु तनाव (स्ट्रेस) के परीक्षण के लिये डेटा उपलब्ध कराने वाला अग्रणी संस्थान है। Xडीआई विश्लेषण ने बैंक ऑफ इंग्लैंड द्वारा विनियमित बैंकों द्वारा किए गए एक तिहाई स्ट्रेस परीक्षणों के लिये जानकारी मुहैया करायी है। इसके अलावा उसने ऑस्ट्रेलिया, हांगकांग, सिंगापुर और न्यूजीलैंड में बैंक स्ट्रेस परीक्षण के लिए डेटा उपलब्ध कराया है। Xडीआई द क्लाइमेट रिस्क ग्रुप का हिस्सा है।
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