- विज्ञापन-प्रणाली में नैतिक मानदंडों की आवश्यकता तथा जिम्मेदार विज्ञापन-प्रणाली और उपभोक्ता सुरक्षा का महत्त्वः उपभोक्ता कार्य विभाग सचिव
श्री सिंह ने निर्माताओं, सेवा प्रदाताओं, विज्ञापन-कर्ताओं और विज्ञापन एजेंसियों की जवाबदारी पर जोर देते हुये कहा कि इन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिये कि इनके विज्ञापन उपभोक्ताओं को गुमराह न करें। उनके प्रमुख वक्तव्य ने जवाबदेह विज्ञापन-प्रणाली और उपभोक्ता संरक्षण के महत्त्व पर अमूल्य विचार प्रस्तुत किये। श्री सिंह ने कारोबारों का समर्थन करने और उपभोक्ता हितों की रक्षा के बीच संतुलन बनाने की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा व्यक्त की गई भावना को दोहराया कि दोनों को साथ-साथ चलना चाहिए। उन्होंने भारतीय संसद द्वारा पारित उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 का हवाला दिया, जो भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है। श्री सिंह ने अच्छे और बुरे विज्ञापनों के बीच अंतर किया और कहा कि सरकार का इरादा कारोबार के विकास को बाधित करना नहीं है, बल्कि नैतिक मानकों को सुनिश्चित करना है। भारत में 75 करोड़ से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं, जिनमें से 50 करोड़ सोशल मीडिया उपयोगकर्ता हैं। इन्हें मद्देनजर रखते हुये श्री सिंह ने पारंपरिक विज्ञापन से सोशल मीडिया विज्ञापन में आने वाले आमूल बदलाव और इस काम को जिम्मेदारी से किये जाने के महत्त्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि प्रभावशाली लोगों और मशहूर हस्तियों के लिए यह जरूरी है कि वे विज्ञापनकर्ताओं के साथ अपने हर तरह के लाभकारी सम्बंधों का खुलासा करें, जो उनके प्रतिनिधित्व की विश्वसनीयता को प्रभावित कर सकते हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें