- लेजर का उपयोग अब आम : डॉ० नवीन निश्चल
डॉ० मुकेश जेवरिया ने कहा कि अभिभावकों को अपने बच्चों में विज्ञान के प्रति जिज्ञासा और अभिरुचि उत्पन्न करने पर ध्यान देना चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों में इस प्रकार के अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन होने से छात्र-छात्राओं, शिक्षकों एवं गवेषकों में निश्चित रूप से विज्ञान को समझने का मौका मिलेगा। निकट भविष्य में विज्ञान के क्षेत्र में आनेवाली नई नई तकनीकों से परिचित होने का अवसर ऐसे सेमिनारों से मिलता है। हमारे समाज के बच्चे अगर ऐसे कार्यक्रमों से कुछ भी ग्रहण करने का प्रयास करते हैं तो निश्चित रूप से पूरे समाज की बेहतरी में वे भविष्य में अपना योगदान देने लायक बन जायेंगे। वहीं आईआईटी पटना से आए प्रो० नवीन कुमार निश्चल का शोधक्षेत्र "प्रकाश" रहा। उन्होंने लेज़र तकनीक के बारे में गंभीरता से अपना विचार व्यक्त किया।
विज्ञान पर आधारित इस सेमिनार में श्री दीपक कुमार विश्वकर्मा, सिकन्दर अंसारी, डॉ. दिनेश्वर पासवान, डॉ. राजीव कुमार झा, श्री राजीव झा, सना परवीन, डॉ. संजू यादव, डॉ. शकुन्तला, डॉ. ममता, डॉ. कृष्णकांत झा, प्रफुल्ल झा, डॉ. दस्तगीर आलम सहित कई वैज्ञानिक, शिक्षक एवं गवेषक भाग ले रहे हैं। इस अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार को सफल बनाने में मो० अनायत हुसैन, सुरेश प्रत्यूष, विक्की मण्डल, अर्चना कुमारी, रिया कुमारी, रोहित ब्रह्मानन्द, सुष्मिता कुमारी, नीतू, प्रीति, विकास कुमार झा, खुशबू, लक्ष्मी कुमारी एवं शिवानी का अहम रोल रहा। मधुबनी के इस ग्रामीण क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के आयोजन से लोगों में हर्ष व्याप्त है।
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