- टीबी कार्यक्रम में सहयोग के लिए मधुबनी को मिलेगा ब्रॉन्ज मेडल
- सर्वे के दौरान अब तक 8 मरीजों की हुई पहचान
सर्वे के दौरान अब तक 8 मरीजों की हुई पहचान :
जिले में सब नेशनल सर्टिफिकेशन के लिए 10 फरवरी सर्वे चलाया जा रहा है, जिसमें जिले के 10 प्रखंड के 10 गांव का चयन किया गया था, जिसमें जिले के 20 कम्युनिटी वॉलिंटियर के द्वारा सर्वे काम किया जा रहा है। 26 फरवरी तक कुल 4350 घर मे कुल 17495 सदस्य का सर्वे किया गया, जिसमें से 16698 लोगों द्वारा सर्वे में हिस्सा लिया, जिसमें से 797 लोगो ने सर्वे कराने से इंकार कर दिया। 16698 व्यक्ति से सर्वे टीम के द्वारा 215 संदिग्ध यक्षमा के संदिग्ध मरीजों की पहचान की गई, वहीं 215 में से 178 मरीज के बलगम का नमूना लिया गया, जिसमें से 163 का जांच किया गया। जिले में 8 पॉजिटिव मरीजों की पहचान हुई है, जो रहिका-2,बाबूबरही-1,लखनौर-1, मधेपुर-1,लौकही-1, बेनीपट्टी-1 एवं बिस्फी-1प्रखंड/गांव में पॉजिटिव मरीज की पहचान हुआ है। सर्वे का काम 20 से 25 दिनों अर्थात 6 मार्च तक किया जाएगा।
2025 तक टीबी को भारत से करना है मुक्त :
डॉ. ठाकुर ने कहा कि भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। यह आम जन के सहयोग के बिना संभव नहीं है। इसलिए उन्होंने सभी से टीबी रोगी खोजी अभियान में सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सीने में दर्द होना, चक्कर आना, दो सप्ताह से ज्यादा खांसी या बुखार आना, खांसी के साथ मुंह से खून आना, भूख में कमी और वजन कम होना आदि लक्षण यदि किसी में है, तो कैंप में जाकर टीबी की जांच करानी चाहिए। अधिक-से-अधिक लोग टीबी के लक्षणों के बारे में जानें और अपने आसपास रहने वाले लोगों में यदि इनमें में से कोई भी लक्षण दिखे, तो जांच के लिए प्रेरित करें। इससे हमें अपने लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें