ज्योतिष और विज्ञान की नजर में शनिग्रह - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 4 फ़रवरी 2023

ज्योतिष और विज्ञान की नजर में शनिग्रह

Shani-and-science
वैज्ञानिक दृष्टिकोण के मुताबिक, खगोल विज्ञान के अनुसार शनि का व्यास 120500 किमी, 10 किमी प्रति सेकंड की औसत गति से यह सूर्य से औसतन डेढ़ अरब किलोमीटर की दूरी पर रहकर यह ग्रह 29 वर्षों में सूर्य का चक्कर पूरा करता है।

    

शनिग्रह का असर ज्योतिष अनुसार : लाल किताब के विशेषज्ञों अनुसार शनिग्रह एक ऐसा ग्रह है, जिसका धरती के सभी तरह के लौहतत्व पर असर देखने को मिलता है। हमारे शरीर में भी लौह तत्व होता है। इसके अलावा दृष्टि, बाल, नक्ष, भवें और कनपटी पर भी शनि का असर रहता है। जिस तरह चंद्रमा का असर धरती के जलतत्व पर पड़ता है उसी तरह शनि का असर लौहे, तेल और प्राकृतिक रूप से उत्पन्न सभी काली और नीले रंग की वस्तुओं पर पड़ता है। उनमें भैंस, भैंसा, कीकर, आक, खजूर, काले जूते, जुराब आदि की गणना की जाती है। शनि का यह असर अच्‍छा भी होता है और बुरा भी। जिस व्यक्ति या स्थान की जैसी प्रकृति होती है उस पर वैसा असर होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनिग्रह यदि कहीं रोहिणी-शकट भेदन कर दे तो पृथ्वी पर 12 वर्ष का घोर दुर्भिक्ष पड़ जाता है और प्राणियों का बचना ही कठिन हो जाता है। यह योग महाराजा दशरथ के समय में आया था। इस योग के प्रभाव से राज्य की प्रजा बेहाल हो गई थी। भयंकर सूखा था यदि किसी व्यक्ति पर इसका बुरा असर हो रहा है, तो लाल किताब के अनुसार भगवान भैरव की शरण में जाना जाहिए या अपने खानपान और व्यवहार में बदलाव करके कुछ उपाय करना चाहिए।

     

अशुभ की निशानी : शनि के अशुभ प्रभाव के कारण मकान या मकान का हिस्सा गिर जाता है या क्षतिग्रस्त हो जाता है, नहीं तो कर्ज या लड़ाई-झगड़े के कारण मकान बिक जाता है। अंगों के बाल तेजी से झड़ जाते हैं। अचानक आग लग सकती है। धन, संपत्ति का किसी भी तरह नाश होता है। समय पूर्व दाँत और आँख की कमजोरी।

   

शुभ की निशानी : शनि की स्थिति यदि शुभ है तो व्यक्ति हर क्षेत्र में प्रगति करता है। उसके जीवन में किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं होता। बाल और नाखून मजबूत होते हैं। ऐसा व्यक्ति न्यायप्रिय होता है और समाज में मान-सम्मान खूब रहता हैं।

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