बिहार के 2 करोड़ लोग अगर 100 रुपया भी देते हैं, तो जन सुराज चलाने के लिए 200 करोड़ रुपए जमा हो जाएंगे, हमलोग ऐसी व्यवस्था बना रहे है
प्रशांत किशोर ने प्रखंड समिति के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि दल बनाने से लेकर दल को सुचारू रूप से चलाने के लिए जो व्यवस्था बनाई गई है, जिसको अंग्रेजी में क्राउडफंडिंग कहते हैं। जिसमें बिहार का कोई भी व्यक्ति या जो इस सोच को समर्थन देने वाला हो, हर वो व्यक्ति जो चाहता है कि कुछ मदद कर सके, वो 100, 500, 1000 रुपए अपनी स्वेक्षा से मोबाइल फोन के माध्यम से योगदान दे सकते हैं। हमारा लक्ष्य है दो साल में जब तक यात्रा खत्म हो, दो करोड़ लोगों से 100-200, 500 रूपया का सहयोग लिया जाए। अगर बिहार के दो करोड़ लोग 100 रुपए का योगदान देते हैं तो 200 करोड़ रूपया हो जाएगा। फिर किसी से पैसा लेने की जरूरत नहीं है। इस व्यवस्था को चलाने के लिए पैसा अपने आप आ जाएगा और इससे किसी एक आदमी का दवाब भी नहीं होगा। यह ऐसी व्यवस्था है, जिसको बिहार के लोग मिलकर चलाएं।
जन सुराज अभियान हर उस व्यक्ति का दल होगा जो इसे मिलकर बनाएंगे और इसकी रूपरेखा भी वही तय करेंगे
प्रखंड समिति के सदस्यों को जन सुराज अभियान का मकसद समझाते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज कोई राजनीतिक दल बनाकर चुनाव लड़ने का अभियान नहीं है। यह एक सामाजिक प्रयास है, जिसके जरिए एक नई राजनीतिक व्यवस्था बनाई जाए। यह कोई सामाजिक आंदोलन नहीं है, इसका विशुद्ध राजनीतिक मकसद है। इसी क्रम में प्रशांत किशोर ने कहा कि दल बनेगा, लेकिन दल कोई एक व्यक्ति या प्रशांत किशोर का नहीं बनाएंगे, इस दल को बिहार के वो सारे लोग मिलकर बनाएंगे जो चाहते हैं कि एक नया दल बने। प्रशांत किशोर ने कहा ये जो व्यवस्था हम लोग बना रहे हैं, इसमें सब का बराबर का अधिकार होना चाहिए। दल हर उस व्यक्ति का होना चाहिए इसे मिलकर बनाएगा, ऐसी व्यवस्था बनाई जाए कि दल सारे लोग मिलकर बनाएं और वही लोग इसको आगे मिलकर चलाएं। वही लोग तय करें कि दल का नाम क्या होना चाहिए, दल का संविधान क्या होना चाहिए, दल की प्राथमिकता क्या होनी चाहिए या दल में पदाधिकारी किसको होना चाहिए और साथ ही दल में टिकट किस आधार पर दिया जाना चाहिए।
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