- 39.50 फीसदी बजटीय आवंटन यादव मंत्रियों के विभाग के पास
हम जाति की बात करें तो 31 मंत्रियों में 8 यादव जाति के हैं। मतबल लगभग 25 फीसदी। इन मंत्रियों के विभागों के लिए कुल बजटीय प्रावधान का 39.50 प्रतिशत आवंटित है। इनके पास बिहार के विकास लिए महत्वपूर्ण विभाग यथा पथ निर्माण, ग्रामीण सड़क, स्वास्थ्य, ऊर्जा और शिक्षा जैसे विभाग हैं। इन विभागों के माध्यम से बिहार का कायाकल्प किया जा सकता है। दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि तेजस्वी यादव के प्रभाव वाली राज्य सरकार में विकास की बड़ी जिम्मेवारी यादव मंत्रियों के कंधों पर हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हरसंभव सहयोग का वादा करते रहे हैं। वैसे में यादव समेत राज्य के सभी मंत्रियों को विकास के कार्यों में जुट जाना चाहिए। यदि हर मंत्री अपने ही वर्गीय और जातीय समाज का कल्याण ईमानदारी से करें तो बिहार का कायाकल्प हो जाएगा। लेकिन बिहार के राजनीतिक तंत्र का दुर्भाग्य है कि काम का ठेका अधिकारियों को थोप दिया जाता है और राज का भोग करने में मंत्री जुट जाते हैं। और फिर मंत्री नौकरशाह पर आरोप लगाते हैं कि उनकी बात नहीं सुनी जाती है। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को चाहिए कि वे मंत्रियों को फीता काटने और नेवता निभाने के बजाये सचिवालय में बैठकर सचिव से अधिक से काम करने का निर्देश दें। सरकारी सुविधाओं पर सवार होकर बिहार को रौंदने वाले मंत्रियों को सचिवालय में फाइलों को पढ़ना चाहिए। फाइलों पर कुंडली मारने वाले मंत्रियों से न सरकार को भला होगा, न सरकारी पार्टी को। सत्ता के गलियारे में प्रचलित कहावत से सरकार और मंत्रियों को सबक लेनी चाहिए कि डाल का चूका बंदर और काम से चूके मंत्री का कोई भविष्य नहीं होता है।
---- वीरेंद्र यादव, राजनीतिक विश्लेषक, पटना ------
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