जन सुराज पदयात्रा के दौरान सारण में मीडिया संवाद के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में जल प्रबंधन की कोई सोची समझी योजना नहीं है, न ही कोई प्रयास इस ओर दिखाई देता है। ज़्यादतर जगहों पर किसान या तो बाढ़ से प्रभावित है या सूखे से प्रभावित है। आज से 10-15 साल पहले जो पानी की कमी को पूरा करने के लिए नल-कूप या नहर की योजना बनी थी वहां भी रख रखाव के अभाव में वो समस्या फिर से उत्पन्न हो गई है। अगर आंकड़ों की बात करें तो बिहार एक मात्र ऐसा राज्य है, जहां पिछले 10 सालों में सिंचित भूमि लगभग 11 प्रतिशत कम हो गई है। पदयात्रा के दौरान हमने देखा भी है कि जो नहरें हैं, वो सूख चुकी हैं। उसके बारे में लोग बताते हैं कि नहरों में पानी 10 साल पहले आता था अब नहीं आता है।
सोमवार, 13 मार्च 2023
बिहार : जल प्रबंधन नहीं होने की वजह से ज्यादातर किसान बाढ़ या सूखे से प्रभावित
Tags
# बिहार
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
बिहार
Labels:
बिहार
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें