- भाकपा-माले के तीन नेता कार्यकर्ता 1)कामरेड कामेश्वर राम,2) कामरेड बिहारी सदाय एवं 3)कामरेड अरबिंद पासवान ने जिला समाहरणालय के समक्ष शुरू किया अनिश्चित कालीन अनशन
मधुबनी, भाकपा-माले के जिला सचिव सह बिहार राज्य कमिटी सदस्य कामरेड ध्रुब नारायण कर्ण, जिला स्थायी समिति सदस्य सह खेग्रामस के राष्ट्रीय पार्षद कामरेड श्याम पंडित, कामरेड बिशंम्भर कामत, कामरेड शांति सहनी कामरेड सज्जन सदाय, ने अनशन स्थल पर उपस्थित सैकड़ो लोगों के समक्ष तीनों अनशनकारियों को माला पहनाकर अनशन का शुरुआत कराया। अनशन स्थल पर महाकांत यादव, योगेंद्र यादव,मनीष मिश्रा मोहम्मद जुमराती प्रमीला देवी, नूरजहां खातून,,राम बिलास सदाय,ब्रहमदेव राम,लखींद्र सदाय, राम अशिष पासवान, राम प्रसाद दास,जीबू पासवान, भजन सदाय,सहित एक सौ माले कार्यकर्ता भाग लिया। अनशन स्थल पर कामरेड सज्जन सदाय की अध्यक्षता में हुये सभा को सम्बोधित करते हुए जिला सचिव ध्रुब नारायण कर्ण ने कहा कि भौआड़ा गंगासागर में भूहदबंदी की 15 एकड़ 85.5 डिसमिल जमीन हैं. 11 एकड़ 99 डिसमिल जमीन दर्जनों महादलित गरीबों के बीच पर्चा के जरिये बितरीत हैं. एक तरफ जहां पर्चाधारियो के दखल कब्जा पर प्रशासन रोक लगाए हुए है वही दूसरी तरफ फर्जी महंत रत्नेश्वर दास, दबंग व भूमाफिया को अतिक्रमण कराने का छूट दे रखा है. यहां तक की दिनांक 30 अक्टूबर, 2021 को तत्कालिन जिला पदाधिकरी के निर्णय एवं बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद, पटना के द्धारा दिनांक 03 नवम्बर 2021 के निर्णय व आदेश का पालन प्रशासन नहीं कर रही है. उक्त सवालों पर दिनांक 21 दिसंबर, 2021 एवं दिनांक 21 नवंबर, 2022 को धरना प्रदर्शन के माध्यम से ज्ञापन दिया गया है, अंत में बाध्य होकर माले कार्यकर्ताओं को अनशन की शुरुआत करना पड़ रहा है। इसके साथ ही 11 सूत्री मांग पुत्र में सभी भूमिहीनों का सर्वे कराकर 5 डिसमिल जमीन देने, पर्चाधारियो को जमीन पर दखल कब्जा दिलाने, जो जिस जमीन पर बसा हैं, उसका बासगीत पर्चा देने,फर्जी महंत रत्नेश्वर दास द्धारा किये गये फर्जीवाड़ा की जांच कराने ,सरकारी जमीन एवं लावारिश एवं केवाला बाली मठ मंदिर की जमीन को दबंगों के अबैध कब्जा से मुक्त कराकर भूमिहीनों के बीच बितरीत करने,बिजली बढ़ोतरी दर वापस लेने ,बुद्धा पेंशन तीन हजार मासिक करने की की मांग प्रमुख हैं।
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