पर्व हो या कोई अन्य अवसर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी काशी जरुर आते है और विकास योजनाओं के जरिए काशीवासियों का दिल जीतने का प्रयास करते है। इस बार भी मोदी नवरात्र के मौके पर एक दिवसीय दौरे पर काशी पहुंचे और विकासरुपी सौगातों की झड़ी लगा दी। मतलब साफ है लोकसभा चुनाव 2024 में मोदी सहित पूरी भाजपा काशी में हुए कार्यो को मॉडल के रूप में इस्तेमाल करेंगे। क्योंकि पीएम अब जहां कहीं भी लोकार्पण हो या शिलान्यास करने पहुंचते है वहां काशी विकास का सबसे बड़ा मॉडल है... कहने से नहीं चूकते। इसमें कोई दो राय नहीं की देवों के देव महादेव की नगरी काशी भारत ही नहीं पूरी दुनिया में एक अलग पहचान है। और प्रधानमंत्री उसकी खोई हुई गरिमा को लौटाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे है। आंकड़ों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते नौ वर्षें में 51 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की 500 से अधिक विकास योजनाओं की सौगात काशीवासियों को दे चुके है। इन परियोजनाओं में 949 करोड़ : वाराणसी रिंगरोड फेज 2, 728 करोड़ः स्मार्ट सुरक्षा व्यवस्था के लिए कैमरों से लैस, 738 करोड़ विश्वनाथ धाम का निर्माण, 644.49 करोड रोपवे का निर्माण, 412.50 करोड़ मोहनसराय-कैंट सीसी सड़क, 400 करोड़ संपूर्णानंद स्टेडियम, 269.10 करोड़ वाराणसी-भदोही मार्ग, 241.89 करोड़ काली माता मंदिर से आजमगढ़ रोड तक फोरलेन, 241.89 करोड़ लहरतारा-बीएचयू फोरलेन, 218.16 करोड़ः कचहरी से संदहां फोरलेन, 200 करोड़ः 600 टीडीपी क्षमता का वेस्ट टू एनर्जी प्लांट, 166.14 करोड़ः फुलवरिया-लहरतारा फोरलेन शामिल है।24 मार्च को एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को न सिर्फ 1780 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया, बल्कि पूर्व की तरह सधे अंदाज में काशीवासियों से अपना नाता भी जोड़ा। हालांकि यह सच है पीएम मोदी जब भी काशी आते है तब वे काशीवासियों को हजारों हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात देकर ही जाते है। आंकड़ों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते नौ वर्षें में 51 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की 500 से अधिक विकास योजनाओं की सौगात काशीवासियों को दी है। इससे काशी विकास की नई ऊंचाइयों को छूने लगी है। विकास का नया मॉडल बनकर उभरी है। अब आरओबी, फ्लाईओवर, फोरलेन सहित कई योजनाएं आकार लेंगी। बाबतपुर एयरपोर्ट से लेकर गंगा घाट तक सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हुए विकास कार्य पूरे कराए जा रहे हैं। इस नगरी को सभी सुविधाओं से सुसज्जित करने के लिए काशीवासियों को कैंट से गोदौलिया के बीच रोपवे की सौगात दी है
रोपवे से मिलेगी जाम से छुटकारा
गौरतलब हैं कि नेशनल हाई वे, रिंग रोड, फ्लाईओवर, आरओबी, के बाद अब भीड़-भाड़ वाले इलाके में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोप-वे चलने से वाराणसी में आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों के साथ स्थानीय लोगों को भी काफी राहत मिलेगी। रोप-वे के लिए बनने वाले सभी स्टेशन और ट्राली पर काशी की कला, धर्म और संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। देखा जाएं तो वाराणसी देश का पहला शहर होगा। जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोप-वे होगा। बोलीविया और मेक्सिको के बाद विश्व में भारत तीसरा देश होगा जहां यह सुविधा मिलेगी। कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया चौराहे तक चलेगा रोप-वे, पहुंचने में 16 मिनट लगेंगे। रोप-वे की कुल दूरी 3.8 किमी, 50 मीटर ऊंचाई पर चलेंगी 150 ट्राली कार। एक ट्राली में अधिकतम 10 पैसेंजर सवार हो सकेंगे, एक घंटे में दोनों छोर से 6000 यात्री यात्रा कर सकेंगे। हर डेढ़ से दो मिनट के अंतराल पर यात्रियों के लिए ट्राली उपलब्ध रहेगी। इस परियोजना पर करीब 645 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. 3.75 किमी लंबी रोपवे प्रणाली में पांच स्टेशन होंगे. इससे पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और वाराणसी के निवासियों को आवाजाही में आसानी होगी. प्रधानमंत्री ने नमामि गंगे योजना के तहत भगवानपुर में 55 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) क्षमता वाले जल शोधन संयंत्र की आधारशिला भी रखी जिसका निर्माण 300 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया जाएगा. बता दें, भारत विश्व में तीसरा देश और वाराणसी पहला शहर होगा जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोप-वे का इस्तेमाल होगा। इसे स्विट्जरलैंड की कंपनी बर्थोलेट व नेशनल हाईवे लाजिस्टिक प्रा.लि. मिलकर बनाएगी।रोपवे से काशी की सुविधा और आकर्षण बढ़ेगा
सभा में मोदी ने कहा बनारस के चौतरफा विकास से जुड़े सैकड़ों करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास हुआ है। नवरात्रि का पुण्य समय है, आज मां चंद्रघंटा की पूजा का दिन है। ये मेरा सौभाग्य है इस पावन अवसर पर आज मैं काशी की धरती पर आप सब के बीच हूं। मां चंद्रघंटा के आशीर्वाद से आज बनारस की सुख-समृद्धि में एक और अध्याय जुड़ रहा है, आज यहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोप-वे का शिलान्यस किया गया है। आज काशी में पुरातन और नूतन, दोनों स्वरूपों के दर्शन एक साथ हो रहे हैं। मुझे देश-विदेश में मिलने वाले लोग बताते हैं कि वे किस तरह विश्वनाथ धाम के पुनर्निर्माण से मंत्रमुग्ध हैं। रोड हो, पुल हो, रेल हो, एयरपोर्ट हो, कनेक्टिविटी के नए साधनों ने काशी आना-जाना बहुत आसान कर दिया है। लेकिन अब हमें एक कदम और आगे बढ़ना है। अब जो रोपवे यहां बन रहा है, इससे काशी की सुविधा और आकर्षण, दोनों बढ़ेगा।
— सुरेश गांधी —
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