एनकाउंटर के बाद से 26 वर्षीय शिवांगी अपने मायके में जालौन के पिपरिया गांव में रह रही थी. शादी के 4 महीने बाद यूपी पुलिस ने पुष्पेंद्र यादव का एनकाउंटर किया था. पति की मौत हो गई थी.परिवार के लोगों ने कोर्ट में यूपी पुलिस के खिलाफ याचिका दर्ज की थी, जिसमें कोर्ट ने एसआईटी टीम का गठन किया था. रात में परिवार के लोगों के साथ खाया था खाना परिवार के लोगों ने बताया कि रात को शिवांगी ने सबके साथ खाना खाया और फिर देर रात फांसी लगा ली. आत्महत्या करने के पहले शिवांगी ने अपने हाथों में लिखा था कि मै स्वेच्छा से फांसी लगा रही हूं. वहीं, पूरे मामले में सीओ देवेंद्र पचौरी ने बताया कि कालपी कोतवाली क्षेत्र के पिपरिया क्षेत्र की घटना है. पुष्पेंद्र यादव की पत्नी ने आत्महत्या कर ली है. पूरे मामले की बारीकियों से जांच की जा रही है. शिवांगी ने मरने से पहले अपने हाथ में लिखा कि अपने आप जान दे रही हूं किसी को दोष न दिया जाए. पुलिस हर एंगल से घटना की जांच कर रही है. परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने पुष्पेंद्र को फर्जी एनकाउंटर में मारा था और हम लोग लंबे समय से न्याय की मांग कर रहे थे. जब न्याय की कोई उम्मीद दिखती नजर नहीं आई तो आहत होकर शिवांगी ने फांसी के फंदे पर झूलकर आत्महत्या कर ली. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में 2019 में पुष्पेंद्र यादव का पुलिस द्वारा एनकाउंटर किया गया था. इस एनकाउंटर को समाजवादी पार्टी ने फेक बताया था, जिसके बाद यह मामला काफी गरमाया था. हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए एक समिति का गठन किया था.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस घटना को लेकर ट्वीट किया है. उन्होंने कहा कि, पुष्पेंद्र यादव की पत्नी की आत्महत्या, सत्ता में विश्वास की हत्या है. किसी को आत्महत्या के लिए मजबूर करना दरअसल हत्या ही है.शादी के मात्र 4 माह बाद विधवा हो गई शिवांगी मांग कर रही थी कि उसके पति के हत्यारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, मगर साढ़े तीन साल बाद भी जब दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई होती नजर नहीं आई तो शिवांगी ने आत्महत्या कर ली. बता दें कि पुष्पेंद्र यादव की पत्नी शिवांगी पिछले काफी समय से अपने मायके जालौन में आटा थाना के ग्राम पिपरिया गांव में रहती थी. बुधवार सुबह उसका शव घर के कमरे से बरामद हुआ. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. पुलिस का कहना है मौत की वजह अभी साफ नहीं है. गौरतलब है कि पुष्पेंद्र यादव के पुलिसिया एनकाउंटर के बाद पत्नी शिवांगी यादव ने दावा किया था कि पुलिस उनके पति से पकड़ा गया ट्रक छोड़ने के बदले रिश्वत मांग रही थी. पहले ही पचास हजार रुपए पुलिस को दे दिए थे. जब दोबारा और रुपए मांगे तो मेरे पति ने पहले दिए रुपए वापस मांगे. इसी बात पर मार डाला गया.’पुष्पेन्द्र यादव झांसी के करगुवां गांव का निवासी था. पुष्पेंद्र यादव के पिता सीआईएसएफ में थे.पिता की आंखों की रोशनी जाने के बाद पुष्पेंद्र को नौकरी मिली थी. पुष्पेंद्र के पास दो ट्रक थे. जिससे वो सीमेंट, बालू की ढुलाई का बिजनेस करता था. दिल्ली मेट्रो में काम करने वाले पुष्पेन्द्र यादव के भाई ने मुठभेड़ को फर्जी बताकर पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया था.
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