- राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आयोजित कार्यशाला में बच्चों ने व्यक्त किये अपने विचार!
भोपाल, 28 मार्च , उक्त विचार बीएसएसएस के इन्सटीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज़ मे सेव द चिल्ड्रेन , आरटीई फोरम द्वारा संयुक्त तत्वधान में राष्ट्र्रीय षिक्षा नीति पर आयोजित कार्यशाला में बाल प्रतिनिधियों द्वारा व्यक्त किये गये। राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर 2020 पर सेव द चिल्ड्रेन द्वारा प्रकाशित सरल पुस्तिका का विमोचन करते हुये नेशनल कोलेशन फॉर एजुकेशन के राष्ट्रीय प्रमुख श्री रमाकान्त राय ने कहा कि शिक्षा नीति 2020 में प्रस्तावित शालाओं को स्कूल कॉम्प्लेक्स /क्लस्टर बनाने का ख़ामियाज़ा दूरस्त क्षेत्रों में पढ़़ने वाले बच्चों पर पडेगा। उन्होने यह भी कहा कि प्रारम्भिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा एक स्वागत योग्य कदम है किन्तु इस संदर्भ में आंगनबाड़ी केन्द्रों पर उपलब्ध संसाधनों की वर्तमान स्थिति , महिला एवं बाल विकास एवं शिक्षा विभाग के बीच समन्वय जैसे मुददों पर विचार कर उनके हल निकालना आवश्यक होगा। शिक्षा के संदर्भ में शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 एवं शिक्षा नीति 2020 के बीच के द्वंद को भी स्पष्ट किया जाना आवष्यक है। सेव द चिल्ड्रेन बड़वानी से आये हुये मनीष गुप्ता ने 135 गांव में बच्चों के साथ शिक्षा में किये जा रहे नवाचार पर अपनी बात रखी। वहीं अनुपपुर से आये सुशील शर्मा ने कहा कि बच्चों को स्थानीय भाषा मे शिक्षा उपलब्ध कराने पर ज़ोर दिया। उक्त कार्यक्रम में मध्यप्रदेश शिक्षक संघ के मुख्य सचिव हरीश कुमार मारण द्वारा भी षिक्षा नीति के संदर्भ मे विचार व्यक्त किये गये कार्यषाला में अनुपपुर , दतिया , राजगढ़ , हरदा , भोपाल , इन्दौर , बड़वानी से आये स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने शिक्षा के अधिकार की ज़मीनी हक़ीकत एवं नई षिक्षा नीति से जुड़ी संभावनाओं पर अपने विचार रखे। अंत मे मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन मे स्वयंसेवी संस्थाओं की भूमिका पर सेव द चिल्ड्रन के प्रदीप नायर ने आगामी रणनीति को साझा किया। कार्यक्रम का संचालन संजय कुमार सिंह एवं आभार जावेद अनीस द्वारा किया गया।
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