बिहार : जंगलराज वापस आने की जो आशंका अब जमीन पर दिख रही है - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 20 मार्च 2023

बिहार : जंगलराज वापस आने की जो आशंका अब जमीन पर दिख रही है

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बनियापुर, सारण, जन सुराज पदयात्रा के 170वें दिन की शुरुआत सारण के बनियापुर प्रखंड अंतर्गत लौंवा कला पंचायत स्थित संत जलेश्वर एकडेमी मैदान में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। इसके बाद प्रशांत किशोर ने स्थानीय पत्रकारों के साथ मीडिया संवाद कार्यक्रम में हिस्सा लिया और सैकड़ों पदयात्रियों के साथ लौंवा कला पंचायत से पदयात्रा के लिए निकले। आज जन सुराज पदयात्रा सतुआ, धनगढ़हां, गोवा पिपरपाती, धवरी होते हुए मशरक प्रखंड अंतर्गत सेमरी पंचायत के सत्यदेव हाई स्कूल में जन सुराज पदयात्रा शिविर में रात्रि विश्राम के लिए पहुंची। आज प्रशांत किशोर सारण के अलग-अलग गांवों में पदयात्रा के माध्यम से जनता के बीच गए। उनकी स्थानीय समस्याओं को समझ कर उसका संकलन कर उसके समाधान के लिए ब्लू प्रिंट तैयार करने की बात कही। दिनभर की पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर 4 आमसभाओं को संबोधित किया और 6 पंचायत के 8 गांवों से गुजरते हुए 16 किमी की पदयात्रा तय की।


राजद के सत्ता में आने के बाद जंगलराज वापस आने की जो आशंका थी, वो अब जमीन पर दिख रही है

जन सुराज पदयात्रा के दौरान बनियापुर प्रखंड में मीडिया संवाद के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि सारण में चलते हुए सबसे ज्यादा सुने जाने वाली जो बात है, वो है आम लोगों की बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर चिंता। अगस्त में नया नया महागठबंधन बना था और जब अक्टूबर में पदयात्रा शुरू हुई थी तब लोग कहते थे की राजद के सत्ता में आने के बाद कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। लेकिन जब पदयात्रा सिवान पहुंची उसके बाद से मैं ये लगातार सुन रहा हूँ कि किसी का मर्डर हो गया, किसी का अपहरण हो गया, डैकती हो गई, तो जो डर लोगों के मन में था वो कहीं न कहीं सच साबित होता दिख रहा है। राजद जब भी सरकार में होती है लोगों का जो अनुभव रहा है उससे कानून व्यवस्था खराब होने की आशंका बनी रहती है, यह डर अब जमीन पर दिखना शुरू हो गया है।


नीतीश कुमार के कार्यकाल में ध्वस्त शिक्षा व्यवस्था के कारण दो पीढ़ियां हमेशा के लिए अनपढ़ रह गई, ये उनके कार्यकाल का सबसे बड़ा काला अध्याय है

जन सुराज पदयात्रा के दौरान बनियापुर प्रखंड में मीडिया संवाद के दौरान नीतीश कुमार पर हमला करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार जैसे पढ़े-लिखे व्यक्ति के मुख्यमंत्री रहते हुए बिहार की शिक्षा व्यवस्था का ध्वस्त हो जाना उनके कार्यकाल का सबसे बड़ा काला अध्याय है। ऐसा इसलिए है कि यदि कोई सड़क टूट गई है तो कल एक अच्छी सरकार आएगी तो सड़क बन जाएगी। लेकिन शिक्षा व्यवस्था के ध्वस्त हो जाने की वजह से यदि कल को कोई अच्छी सरकार आ भी जाए तो भी जो 2 पीढ़ियां इस शिक्षा व्यवस्था से निकाल गई तो उनको जीवन भर उनको शिक्षत समाज के पीछे ही रहना पड़ेगा। अब तो बहुत मुश्किल है कि जाकर अपने आपको शिक्षत कर पाएंगे, ये उन लोगों के लिए बहुत बड़ा दुर्भाग्य है।


लोगों ने राम मंदिर के लिए वोट किया तो राम मंदिर बन रहा है, जब लोग शिक्षा और रोजगार के लिए वोट करेंगे तो शिक्षा और रोजगार भी मिल जाएगा

प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के बच्चों की मूलभूत समस्या है शिक्षा और रोजगार। जब तक आप शिक्षा और रोजगार के नाम पर वोट नहीं करेंगे तब तक कोई भी सरकार या कोई भी व्यवस्था आ जाए आपकी स्थिति नहीं सुधरेगी। जिस दिन आप शिक्षा और रोजगार पर वोट करने लगेंगे तब से आपको सुधार दिखने लगेगा। आप जिस नाम पर वोट करते हैं आपको वही मिलता है। हमको ये लगता है कि हम वोट ठीक कर रहे हैं लेकिन परिणाम गलत मिल रहा है, ऐसा नहीं है। क्योंकि जब वोट जाति के नाम पर करते हैं तो हर जगह जाति की प्रमुखता आपको दिख रही है। वोट आप भारत-पाकिस्तान के नाम पर करते हैं तो जब आप टीवी चलाते हैं तो आपको उसमें भारत पाकिस्तान ही देखने को मिलता है। वोट राम मंदिर के नाम पर किया है तो 30 वर्ष के बाद ही सही राम मंदिर बन ही रहा है। ये कुछ उदाहरण है जो हमको बताते हैं कि जिस नाम पर हम वोट करते हैं वो हमको मिल रहा है। जब हम शिक्षा और रोजगार के नाम पर वोट कर ही नहीं रहे हैं, तो वो सुधरेगा कैसे?

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