कभी लालू प्रसाद के लाडले रहे, सम्राट चौधरी साल 2014 में राजद छोड़कर जदयू में शामिल हुए थे। तब वह नीतीश कुमार के बेहद खास माने जा रहे थे..
- बिहार में कुशवाहा-कुर्मी समाज की आबादी 11 फीसदी है.ऐसे में सम्राट को भाजपा पूरे बिहार में घुमाएगी. 55 साल के सम्राट के एग्रेशन को देखते हुए भी भाजपा ने ये जिम्मेदारी दी है...
पटना. भाजपा ने गुरुवार को पार्टी के भीतर बड़े बदलाव किए.4 राज्यों में भाजपा अध्यक्ष को बदला गया है.भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राजस्थान की कमान सीपी जोशी को सौंपी है.ओडिशा में मनमोहन सामल, दिल्ली में वीरेंद्र सचदेव और बिहार में सम्राट चौधरी को अध्यक्ष बनाया गया है। विदित हो कि कभी राजद तो कभी जदयू और अब बीजेपी में हैं सम्राट चौधरी.बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने विधान पार्षद सम्राट चौधरी को बिहार प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष घोषित किया है.बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं. 2024 में लोकसभा का चुनाव होना है.चुनाव में करीब एक साल का वक्त है लेकिन ऐसा लग रहा है कि धीरे-धीरे तैयारी शुरू कर दी गई है. हालांकि संजय जायसवाल का कार्यकाल तो पूरा हो चुका था और इसके बाद यह बदलाव हुआ है, लेकिन अब सम्राट चौधरी को 2024 के पहले इस जिम्मेदारी को देकर बीजेपी ने यह बड़ा दांव खेला है. नव मनोनीत प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि मुझे प्रदेश अध्यक्ष के रूप में संगठनात्मक जिम्मेवारी देने के लिए देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी, गृह मंत्री श्री @AmitShah जी, राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री @JPNadda जी समेत राष्ट्रीय नेतृत्व का हृदय से धन्यवाद एवं आभार. सम्राट चौधरी का जन्म 16 नवम्बर 1968 को मुंगेर के लखनपुर गाँव में हुआ था. इनके माता का नाम पार्वती देवी तथा पिता का नाम शकुनी चौधरी है. इनका पैतृक गाँव मुंगेर जिले के तारापुर प्रखंड के लखनपुर में है. राजनीतिज्ञ परिवार से सम्बन्ध रखने वाले सम्राट के पिता श्री शकुनी चौधरी सात बार विधायक और सांसद रह चुके हैं और माता पार्वती देवी तारापुर से विधायक रह चुकी हैं. विद्यालय जीवन के बाद सम्राट ने मदुरई कामराज विश्वविद्यालय से पी. एफ. सी. की पढाई की है.सम्राट ने 2007 में ममता चौधरी से विवाह किया. इस दम्पती की दो सन्तान हैं – प्रणय प्रियम चौधरी और चारू प्रिया. सम्राट चौधरी 1990 में सक्रिय राजनीति में शामिल हो गए और 19 मई 1999 को उन्होंने बिहार सरकार में कृषि मंत्री के पद की शपथ ली. सन 2000 और 2010 में परबत्ता विधानसभा से चुनाव लड़ा और विधायक निर्वाचित हुए. 2010 में उन्हें बिहार विधानसभा में विपक्षी दल के मुख्य सचेतक बनाया गया था. 2 जून 2014 को बिहार सरकार में शहरी विकास और आवास विभाग के मंत्री पद की शपथ ली और कार्यभार संभाला था.2018 में भारतीय जनता पार्टी में उन्हें बिहार प्रदेश का उपाध्यक्ष बनाया गया.वर्तमान में श्री सम्राट चौधरी भारतीय जनता पार्टी से विधान परिषद के सदस्य हैं और अशोक एस फाउंडेशन के मुख्य संरक्षक भी हैं. बता दें कि सम्राट चौधरी उस समय विवादों में आए थे, जब लालू यादव की कैबिनेट में सबसे कम उम्र के मंत्री बन गए थे.फिर लंबे बवाल के बाद उन्हें मंत्री पद से हटना पड़ा था. चौधरी उस समय भी सक्रिय भूमिका में थे, जब राजद को जदयू तोड़ रही थी. कुछ विधायक और एमएलसी लेकर सम्राट चौधरी जदयू में शामिल हो गए थे. बाद में जीतन राम मांझी के कार्यकाल में उन्हें नगर विकास मंत्री बनाया गया था. इसके बाद सम्राट चौधरी ने जदयू को अलविदा कहकर भाजपा का दामन थामा था. भाजपा ने भी उन्हें इनाम देते हुए राज्यपाल कोटे से एमएलसी बनाया. पंचायती राज मंत्री बनाया.जब भाजपा सरकार से हटी तो उन्हें विधान परिषद में प्रतिपक्ष का नेता बनाया गया. इतने खास कि पार्टी में शामिल होते ही सम्राट चौधरी को पहले MLC बनाया गया और फिर मंत्री, लेकिन यह सिलसिला ज्यादा दिन नहीं चला. 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद, नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ दी और जीतन राम मांझी को बिहार का नया मुख्यमंत्री बना दिया. 2015 तक जीतनराम मांझी और नीतीश कुमार के बीच जबरदस्त दूरियां दिखने लगी और फिर जदयू दो खेमों में बंट गई.
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